स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ शरीर में होता है मां सरस्वती का वास-निदेशक

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स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ शरीर में होता है मां सरस्वती का वास स्वच्छता के लिए कराई गयी प्रतिस्पर्द्धा गतिविधियों में उच्च प्रदर्शन करने वालों को किया जाएगा सम्मानित। “बंधन स्वच्छता का” के संकल्प के साथ मनाया जाएगा रक्षा बंधन का त्यौहार। स्वच्छता के लिए कराई गयी प्रतिस्पर्द्धा गतिविधियों में उच्च प्रदर्शन करने वालों को किया जाएगा सम्मानित।आस-पास गंदगी न फैलाने का संकल्प व प्लास्टिक एवं प्लास्टिक के उत्पाद का बहिष्कार करने के लिए जागरूक किया जाएगा।रील बनाकर निकाय अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए निदेशालय को भी टैग करें।स्वच्छ भारत मिशन नगरीय ने शुरू किया स्वच्छ पाठशाला अभियान।अभियान के दौरान पोस्टर व बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर बढ़ाई जायेगी जन-सहभागिता। स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ शरीर में होता है मां सरस्वती का वास-निदेशक

लखनऊ। स्वच्छ वातावरण में पढ़ाई करने से हम स्वच्छता के महत्व को समझते हैं और उसे अपने दैनिक जीवन में अपनाते भी हैं। स्वच्छता के प्रति जागरूकता से हम अपने आसपास के माहौल को स्वच्छ रखने के लिए सक्षम होते हैं और इससे बीमारियों का प्रतिरोध भी बढ़ता है। स्वच्छता हमारे समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसा माना जाता है कि स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ शरीर में मां सरस्वती का वास होता है। इसी मंशा के अनुरूप स्वच्छ भारत मिशन नगरीय द्वारा “स्वच्छ पाठशाला” अभियान 25 अगस्त से 02 नवम्बर 2023 चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत शिक्षण संस्थानों को स्वच्छता, सुरक्षा और गुणवत्ता में सुधार करने, छात्रों और अभिभावकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की अपील की जाएगी। वहीं इस अभियान के दौरान विद्यालयों में स्वच्छता के मानकों का पालन कराने और छात्रों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षा दी जाएगी। यह महत्वपूर्ण पहल शिक्षा क्षेत्र में स्वछता के प्रति सुधार प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। वहीं स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कराई गयी प्रतिस्पर्द्धा गतिविधियों में उच्च प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा।

राज्य मिशन निदेशक डॉ. नितिन बंसल ने सभी नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर स्वच्छ शिक्षा अन्तर्गत समस्त स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक करने एवं उनके द्वारा स्वच्छता के संदेश का विस्तार जन समाज में करने हेतु “स्वच्छ पाठशाला” के तहत विभिन्न कार्यक्रम कराये जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सिटीजन फीडबैक को एप लिंक एवं क्यू0आर0 कोड के माध्यम से भी इस अभियान में सम्मिलित कर निकायों द्वारा सिटीजन फीडबैक को बढ़ावा दिया जाने व रक्षा बंधन के त्यौहार पर संकल्प “बंधन स्वच्छता का” के तहत नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरुक कर आस-पास गंदगी न फैलाये जाने का संकल्प लेकर प्लास्टिक एवं प्लास्टिक के उत्पाद का बहिष्कार किये जाने हेतु जागरुक करने को कहा है। वहीं रक्षा बंधन के त्यौहार पर संकल्प “बंधन स्वच्छता का” के तहत नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए आस-पास गंदगी न फैलाने का संकल्प व प्लास्टिक एवं प्लास्टिक के उत्पाद का बहिष्कार करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

मिशन निदेशक महोदय ने “स्वच्छ पाठशाला” अभियान अंतर्गत स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयों के सहयोग से रक्षा बंधन के त्यौहार पर संकल्प “बंधन स्वच्छता का” के अन्तर्गत स्वच्छता कनेक्ट द्वारा विभिन्न गतिविधियों से नागरिकों को जोड़े जाने, उनसे विचार-विमर्श किये जाने व सोशल मीडिया के माध्यम से रील बनाकर निकायों के सोशल मीडिया पेज व प्रोफाइल पर पोस्ट करते हुए निदेशालय के सभी आधिकारिक एकाउंट को टैग कर गतिविधियों को शेयर करने के निर्देश दिए हैं। अभियान के दौरान पोस्टर व बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार एवं जन-सहभागिता को बढावा देने के लिए सभी को निर्देश दिए हैं।

अभियान अंतर्गत स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होने वाली गतिविधियां

  • रंगोली प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता।
  • “बंधन स्वछता का” के तहत रिसाइकिल मैटेरियल द्वारा राखी तैयार कर “सोसाइटी हीरोस” (पुलिसकर्मी, स्वास्थकर्मी एवं सफाईकर्मी व अन्य) को राखी बांधकर सम्मानित किया जाए, जिसे सोशल मीडिया पोर्टल पर भी अपलोड करना।
  • “बंधन स्वच्छता का” अन्तर्गत किराने और अन्य खरीदारी के उपयोग के लिए कपड़े के थैले के उपयोग पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए जनता को प्रोत्साहित करना।
  • बच्चों द्वारा प्लास्टिक के उपयोग के हानिकारक परिणामों के बारे में अपने घर, स्कूलों और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • प्लास्टिक के उत्पादों एवं प्लास्टिक बैग के उपयोग के नुकसान के बारे में नागरिको को जागरूक करना।
  • स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के प्रांगण में ट्विन बिन्स (हरा गीले कूडे़ हेतु एवं नीला सूखे कूडे़ हेतु) रखना।
  • स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में छात्रों को कचरे का पृथक्कीकरण के विषय में जागरूक करना।
  • स्वच्छता हेतु प्रतिस्पर्द्धा गतिविधियां करायी जाएं, जिसमें उच्च प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित भी किया जाए।
  • जागरूकता अभियान एवं जागरुकता रैली बच्चों की सहभागिता के साथ कराया जाये। स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ शरीर में होता है मां सरस्वती का वास-निदेशक