आजाद भारत का सबसे बडा घोटाला..!

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आजाद भारत का सबसे बडा घोटाला..!
आजाद भारत का सबसे बडा घोटाला..!

देश की जनता को अब यह सच जानने का पूरा अधिकार है कि भाजपा ने सत्ता और उसकी एजेन्सियो का दुरूपयोग करके कंपनियो पर मनमाना दबाव बनाते हुए इतने बडे चंदा घोटाले को कैसे अंजाम दिया ? प्रमोद तिवारी सांसद, उप नेता, राज्य सभा ने कहा है कि चुनावी बाण्ड के तहत केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा जुटाये गये बेहिसाब करोडो के चन्दे की गंभीरतापूर्वक जांच करायी जानी चाहिए। भाजपा ने चन्दे के नाम पर आजाद भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बडा घोटाला करके देश की चरमराई अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर दिया है। मंहगाई के चलते खाद्यान्न पदार्थ की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गयी हैं। मणिपुर से मुम्बई तक आदरणीय श्री राहुल गाॅंधी जी की सफल ‘‘भारत जोडो न्याय यात्रा’’ को देखकर भारतीय जनतापार्टी को जनता का विश्वास खोने का आभास हो चुका है,  इसीलिए भाजपा देश के ज्वलन्त मुददो पर लोकसभा चुनाव के समय भी जनता के बीच गैरजबाबदेह बनी हुई है। आजाद भारत का सबसे बडा घोटाला..!

उन्होने कहा कि वह किसी तरह ऐनकेन प्रकारेण सत्ता मे काबिज रहने के लिए मंहगाई, बेरोजगारी व अर्थव्यवस्था तथा चैतरफे भ्रष्टाचार पर भी जानबूझ कर चुप्पी साधे हुए है। मोदी सरकार मंहगाई के साथ साथ चुनावी बाण्ड के नाम पर जनता की जेब से पूंजीपति कंपनियों द्वारा लागत बढ़ाकर वसूले गये पैसे की लूट को लेकर भी बेनकाब हो गयी है। चुनावी बाण्ड के जरिए भाजपा को जो करोडो का चंदा मिला है उसमे अब तक सबसे चिंताजनक तथ्य यह सामने आया है कि इनमे से चुनिंदा ऐसी बडी कंपनियां है जो प्रवर्तन निदेशालय अथवा आयकर विभाग की जांच का सामना कर रही थी।  सत्तारूढ़ दल को मिले इस बेहिसाब चन्दे में अगर भाजपा जनता को सही जानकारी देने से बच रही है तो यह शताब्दी का सबसे बड़ा लोगों के मन में संदेह पैदा करने वाला घोटाला है।

माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले से कम से कम देश को यह तो मालूम हो गया कि चुनावी बाण्ड के नाम पर भाजपा ने सत्ता का दुरूपयोग करके खुद के लिए कालेधन का हर सम्भव जतन किया है। उन्होने तंज कसा कि माननीय प्रधानमंत्री जी कहते थे कि वह विदेशों में जमा कालाधन लाकर लोगों के खाते में पन्द्रह पन्द्रह लाख रुपये पहुंचाएगे? किन्तु मोदी सरकार का जुमला तो जुमला ही रह गया अब चुनावी चंदे के नाम पर भाजपा ही कालेधन को अनुचित दबाव डालकर इकटठा करने को लेकर पर्दाफाश हो गयी है। श्री तिवारी ने तंज कसते हुये कहा कि भा.ज.पा. ने अर्थव्यवस्था पर तो संसद में ‘‘श्वेत पत्र’’ लाने का खूब ड्रामा रचा। किन्तु आखिरकार अब वह जोर जबरदस्ती से जुटाए गए करोड़ो करोड के इस बेहिसाब चंदे पर श्वेत पत्र लाने का नैतिक साहस क्यों नहीं कर पा रही है ?

भारतीय जनतापार्टी भले ही कमरतोड मंहगाई और बेरोजगारी जैसे मुददे के साथ चंदा घोटाले से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास करे पर यह आईने की तरह साफ हो गया है कि उसमे दम नही है कि वह इसकी सच्चाई देष की जनता को बता सके कि कितना पैसा, कहां कहां से और कब कब आया ? श्री तिवारी ने कहा कि अब भाजपा जब इस घोटाले का श्रोत नही बता रही है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय इसकी जांच कराए कि किस किस दिन सरकारी एजेन्सियो ने रेड किया, कितना कितना इलेक्ट्राल बाण्ड एजेन्सियों की जांच के दौरान भाजपा ने खरीदा या किसको ठेके दिये गये और उन्हें पहले या बाद में कितना इलेक्ट्राल बाण्ड दिया। इसकी सच्चाई देश की जनता के सामने हर कीमत पर आनी चाहिए। आजाद भारत का सबसे बडा घोटाला..!