स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर से लैस होगी UP विधान सभा

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पुरानी इमारतों की बदलेगी सूरत
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अब नए ‘स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर’ से लैस होगी उत्तर प्रदेश की विधान सभा।

-उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यप्रणाली को आधुनिक तकनीक का मिलेगा साथ, कई खूबियों से लैस होगा नया सॉफ्टवेयर।

-नेशनल ‘ई-विधान एप्लिकेशन’ के जरिए विधान सभा की कार्रवाई के डिजिटाइजेश के बाद योगी सरकार अब उठाने जा रही है एक और महत्वपूर्ण कदम।

उत्तर प्रदेश की उन्नति के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल कर रही योगी सरकार अब प्रदेश की विधान सभा को भी उन्नत तकनीक से लैस करने की दिशा में सार्थक कदम बढ़ा रही है। उल्लेखनीय है कि देश के कई प्रांतों में नेशनल ‘ई-विधान एप्लिकेशन’ के क्रियान्वयन के जरिए विधान सभा की कार्रवाई का डिजिटाइजेश किया जा चुका है। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी के नेतृत्व में मई 2022 में ‘ई-विधान एप्लिकेशन’ को विधान सभा में लागू किया गया था, जिसके बाद से अब तक के सभी सेशंस इसी एप्लिकेशन के जरिए कंडक्ट कराए गए हैं। ऐसे में, इस कड़ी में एक नवीन प्रयास के तहत विधान सभा को ‘स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर’ से भी लैस करने की तैयारी चल रही है। जानकारी के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर कई खूबियों से लैस होगा तथा इसके क्रियान्वयन के जरिए विधान सभा की कार्रवाही को और सुव्यवस्थित व सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। इस क्रम में, हाल ही में ई-टेंडर पोर्टल के जरिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट व खरीद को लेकर निविदा जारी की गई है।

कई खूबियों से लैस होगा सॉफ्टवेयर


उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय, लखनऊ द्वारा स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए ई-निविदा के माध्यम से जो आवेदन मांगे गए हैं उसके अनुसार, यह सॉफ्टवेयर कई खूबियों से लैस होगा। विधानसभा सेशन के लाइव टेलीकास्ट के दौरान आने वाले ध्वनि संबंधी व्यवधानों के निस्तारण में यह सॉफ्टवेयर सक्षम होगा। इससे न केवल लाइव फीड्स बेहतर होंगी, बल्कि विधान सभा की कार्यवाही के दौरान की वीडियो आउटपुट में भी मदद मिलेगी। इससे मीडिया को भी सलूलियत होगी क्योंकि स्पीच रिकग्निशन प्रक्रिया के जरिए जेनरेटेड फीड्स अच्छी वीडियो व वॉइस क्वॉलिटी से युक्त होंगे।

उत्तर प्रदेश में उपस्थिति रखने वाली सॉफ्टवेयर कंपनी को मिलेगा कार्य


इस स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर को उन्हीं टेक्नोलॉजी कंपनियों से डेवलप कराकर इस्तेमाल में लाया जाएगा जिनकी उत्तर प्रदेश में व्यापक उपस्थिति है तथा इस प्रकार के सॉफ्टवेयर डेवलप करने में महारत हासिल है। सॉफ्टवेयर को विधानसभा में लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपिंग कंपनी को ही आबद्ध किया जाएगा जिसके जरिए विधान सभा में सॉफ्टवेयर के एग्जीक्यूशन के लिए लगने वाले यंत्र, साजो-सामान समेत समूचे तंत्र को स्थापित करने का कार्य करना होगा। इस विषय में 4 दिसंबर को ई-निविदा में आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है तथा कार्यावंटन व सॉफ्टवेयर क्रय की सभी प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश शासन के रूल बुक के अनुसार पूर्ण किया जाएगा।