गांव में मिलेगा दूध का उचित दाम

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युवक का शव बरामद,हत्या की आशंका
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दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही मिलेगा दूध का उचित दाम।

-योगी सरकार ने एक हजार करोड़ की लागत से की नंद बाबा दुग्ध मिशन की शुरुआत।

-ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों को सरकार गांव में ही उपलब्ध कराएगी उचित बाजार।

-प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता के साथ ही प्रिसिजन डेयरी फॉर्मिंग को भी मिलेगा बढ़ावा।

लखनऊ। प्रदेश को दुग्ध विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ ही दुनिया में दुग्ध उत्पादन में नए कीर्तिमान गढ़ने को प्रतिबद्ध योगी सरकार ने एक हजार करोड़ की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन की शुरुआत कर दी है। मिशन के तहत गावों में ही दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मिशन का उद्देश्य ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों को उचित बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही प्रति पशु प्रतिदिन दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाने समेत प्रिसिजन डेरी फॉर्मिंग को बढ़ावा देना है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश के डेयरी सेक्टर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की है। इसके लिए युद्धस्तर पर किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि फरवरी माह में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 के माध्यम से दुनिया के नामचीन निवेशकों ने डेयरी क्षेत्र में हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर सहमति जतायी है। इसी वर्ष ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में इनमें से कई निवेशक प्रदेश में अपनी परियोजनाओं को धरातल पर भी उतारते नजर आएंगे।

ग्रामीण क्षेत्र में बाजार की उपलब्ध को बढ़ाना उद्​देश्य


दुग्धशाला विकास विभाग के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्य है। पूरे देश में 221 मिलियन मीट्रिक टन दुग्ध का उत्पादन होता है, जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में 33 मिलियन मीट्रिक टन दुग्ध का उत्पादन होता है। वहीं देश में 444 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता है, जबकि प्रदेश में 392 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता है। प्रदेश में दुग्ध संग्रह के क्षेत्र में 21 प्रतिशत संगठित क्षेत्र और 79 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र की सहभागिता है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश के डेयरी क्षेत्र को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए नन्द बाबा मिशन के तहत विभिन्न इश्यूज पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध उत्पादकों के पास बाजार की उपलब्धता कम है, जिसे बढ़ाया जाएगा। इसी तरह वैल्यू एडेड एनिमल फीड/फॉडर एवं आर्गनाइज्ड एनिमल फीड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की संख्या को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में जो प्रति पशु प्रतिदिन दुग्ध उत्पादकता कम है, इस पर फोकस किया जाएगा। मिल्क प्रोसेसिंग व प्रिसिजन डेरी फार्मिंग में अपेक्षित कौशल के अभाव को दूर किया जाएगा। उचित मूल्य पर प्रसंस्कृत दुग्ध व दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ाया जाएगा। दुग्ध प्रसंस्करण में संगठित क्षेत्र की सहभागिता को भी युद्धस्तर पर बढ़ाया जाएगा।

गौ से ग्राहक तक पहुंचने का लक्ष्य


दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना का नाम नन्द बाबा पर रखा है। उनके अनुसार प्रदेश में नन्द बाबा विश्व के सबसे बड़े उत्कृष्ट गौ पालक, दुग्ध संग्रहक, सर्वश्रेष्ठ माखन उत्पादक एवं भगवान श्री कृष्ण के पालक थे। उनके पास 9 लाख गाय थीं। उन्होंने लोगों को अपनी जीविका चलाने के लिए 2 लाख गायों को दान किया था। साथ ही वह सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक, संग्रहक, प्रसंस्कर्ता एवं उपभोक्ता भी थे। इसी सब को ध्यान में रखकर योजना का नाम नन्द बाबा दुग्ध मिशन रखा गया है। मिशन का उद्​देश्य गौ से ग्राहक तक पहुंचने का है। इसके तहत मूल्य श्रृंखला से उत्पादन-संग्रहण-प्रसंस्करण-उपभोक्ता तक पहुंचना है। मिशन के तहत दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि करना, दुग्ध संग्रहण एवं प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि करना, क्षमता विकास एवं तकनीकी पर जोर देना एवं मूल्य संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ाया जाएगा।