यूपी रोडवेज को मिली नई तकनीकी वाली बसें

177

यूपी रोडवेज को मिली नई तकनीकी वाली बसें, हर जनपद को 2-2 बसें एलाट की गई।

लखनऊ। यूपी रोडवेज में नई तकनीकी वाली 150 बीएस-6 बसें शामिल की गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई तकनीक की इन बस को उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम के सुपुर्द किया। इनमें से 2-2 बस हर जिले को अलॉट की गई हैं। अब तय किया गया है कि ये बसें डिपार्टमेंट के सबसे बेहतरीन रिकॉर्ड वाले ड्राइवर के ही सुपुर्द की जाएंगी।

लखनऊ परिवहन मुख्यालय के प्रधान प्रबंधक संचालन आशुतोष गौड़ ने लेटर जारी किया। नई बस के लिए 150 ड्राइवर तैनात किए जाने से पहले रिपोर्ट दी जाएगी। इसके आधार पर नई बसें यूपी के सबसे बेहतरीन ड्राइवरों के हवाले की जाएंगी। इस रिपोर्ट को तैयार करने में गड़बड़ी होने पर संबधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। ड्राइवरों की तैनाती को लेकर पक्षपातपूर्ण रवैया की शिकायत सामने आई थी। उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम की ओर से पहली बार एक निर्देश जारी किया गया हैं।

रामपुर से अब मथुरा और कानपुर के लिए रोडवेज बसें चलाई जाएंगी। बुधवार को भाजपा के जिलाध्यक्ष अभय गुप्ता ने डिपो में नारियल फोड़कर व हरी झंडी दिखाकर बस सेवा का शुभारंभ किया। अभी तक रामपुर डिपो से मथुरा और कानपुर के लिए सीधे बस सेवा नहीं थी।

हालांकि इन स्थानों पर जाने के लिए काफी यात्री डिपो पर पहुंचते थे। बस नहीं मिलने पर लौट जाते थे। रामपुर से पहली बस सुबह 6 बजे चलेगी, जो शाम 5 बजे तक कानपुर पहुंचेगी। करीब 2 घंटे बाद कानपुर से वापस रामपुर लौटेगी। दूसरी बस सुबह 9 बजे चलेगी, जो शाम को 7 बजे मथुरा पहुंचेगी।

-ट्रेंड ड्राइवर को ही नई बसें चलाने को दी जाएं।
-ड्राइवर का एक्सीडेंट रिकॉर्ड खराब नही होना चाहिये।
-ड्राइवर का मादक पदार्थ सेवन करने का रिकॉर्ड न हो।
-ड्राइवर की सामान्य छवि अच्छी हो। 5 सबसे ज्यादा माइलेज देने वाले ड्राइवर को ही प्रमुखता दी जाएं।

ट्रेनिंग की गई अनिवार्य

इन बस की तकनीक बाकी पुरानी बस से बिल्कुल अलग है। इन बस के साथ डायग्नोस्टिक टूल्स भी मुहैया कराए गए हैं। कानपुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर में चालकों को नई जानकारी और ट्रेनिंग देने की तैयारी चल रही है। सभी जिलों के डिपो में ड्राइवर को बस दिये जाने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी। जिसको सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक और फोरमैन ड्राइवर के रिकॉर्ड के जांच कर तैयार करेंगे। जिसमें दोनों परिवहन अधिकारियों के हस्ताक्षर से बस के नंबर के और आवंटित चालक के विवरण के साथ मुख्यालय को उपलब्ध कराया जाएंगे।