भाजपा राज में उत्तर प्रदेश को मिली सिर्फ़ बर्बादी-शुचि विश्वास

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भारतीय जनता पार्टी के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ सरकार के विकास के तमाम दावों को खोखला करार देते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शुचि विश्वास ने कहा कि बीजेपी के राज में यूपी को सिर्फ़ बर्बादी मिली है, जनता के टैक्स का पैसा खर्च करके योगी जी झूठे विज्ञापन देकर चाहे जितना चेहरा चमकायें, हक़ीक़त यह है कि उन्होंनें यूपी को बर्बाद कर दिया।


प्रवक्ता शुचि विश्वास ने कहा  कि चुनाव सामने देखकर बीजेपी नेता उल्टी बातें कर रहे है, झूठ बोलने की श्रंखला में कहा कि पहले की सरकारों में सिलेंडर मिलने में लाठी डंडा चलते थे, वह भूल गए कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों से परेशान आदमी को सिलेंडर भी 1000 रूपये में मिल रहा है। टमाटर 80 रूपये किलो और सरसों का तेल जो कि रसोई की आधारभूत जरूरत है 220 रूपये किलो है, भाजी तरकारी गरीब की थाली से और हैसियत से बाहर है।

शुचि विश्वास ने कहा कि कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा की बात करने वाले मुख्यमंत्री को अपने कार्यकाल में सत्य को भी स्वीकार करना चाहिए। उन्नाव, हाथरस जैसी जघन्य अपराधों ने यूपी को शर्मासार किया है। एनसीआरबी  आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में यूपी में महिलाओं से सम्बंधित अपराध के 56011 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2018 में यह संख्या 59445 और वर्ष 2019 में 59853 पहुंच गयी। यूपी पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में छेड़खानी के 2441, वर्ष 2019 में 1857, वर्ष 2018 में 1328, वर्ष 2017 में 993 और वर्ष 2016 में छेड़खानी के 609 मामले दर्ज किए गए थे। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2016 और वर्ष 2020 के बीच छेड़खानी की घटनाओं में 300.82 फीसदी इजाफा हुआ। वहीं, वर्ष 2019 और 2020 के बीच छेड़खानी की घटनाओं में 31.45 फीसदी इजाफा हुआ।


उन्होंनें कहा कि त्यौहार को आने में मात्र एक सप्ताह ही बचा है, जरूरी और साधारण वस्तुओं की कीमत में भी भारी उछाल है, खाद्य मूल्यों में वृद्धि से घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। आवश्यक वस्तुओं में शामिल सरसों तेल, घी, रिफाइंड सहित रोजमर्रा की चीजों का दाम आसमान छू रहा है। मध्यमवर्गीय परिवार की माली हालत खस्ता है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि योगी जी ने कहा कि पूर्व में सीएचसी पीएचसी में दवाइयां नहीं थी। सदी की सबसे बड़ी महामारी है एवं प्रधानमंत्री जी के संवाद के चलते काबू की जा सकी। भूल गए कि प्रदेश ने चिताओं का उत्सव, नदी में बहती लाशें देखी। ऑक्सीजन की कमी से लाखों लोगों ने अपने परिजनों को खोया और प्रधानमंत्री जी ताली बजा कर दीया जलाने और आसमान से पुष्प वर्षा करने की बात कर रहे थे। नीति आयोग की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर हैं।


किसानों की बदतर हालत बयां करते हुए, उन्होंने कहा कि इस सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा सबसे ज्यादा किसानों को उठाना पड़ा है। 2014 के बाद से किसानों पर कर्ज बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है। सरकार ने खुद संसद में माना है कि 31 मार्च, 2014 को किसानों पर कुल बकाया कर्ज 9.64 लाख करोड़ रुपये था जो 31 मार्च, 2021 तक बढ़कर 16.84 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।