राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस परेशान क्यों….?

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दिल्ली के पुलिस आयुक्त भी मिलने का समय नहीं दे रहे हैं-सीएम गहलोत।काश…! मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान की समस्याओं को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करते।राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस इतना परेशान क्यों…..?

एस0 पी0 मित्तल

कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, मंत्री और पार्टी के बड़े पदाधिकारी 15 जून को भी दिल्ली में डटे रहे। कांग्रेस को अपने नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर एतराज है। कांग्रेस का कहना है कि पूछताछ के नाम पर ईडी के अधिकारी राहुल गांधी को बेवजह परेशान कर रहे हैं। जबकि ईडी का कहना है कि गांधी परिवार के मालिकाना हक वाले नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति को लेकर हुई वित्तीय अनियमितताओं में राहुल गांधी से पूछताछ करना जरूरी है। आरोप है कि करीब 2 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति को खुर्दबुर्द किया गया है। गांधी परिवार के प्रमुख सदस्य पहले इस मामले में जमानत पर है। सवाल उठता है कि ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस को परेशानी क्यों हैं? क्या किसी वित्तीय अनियमितता के मामले में कांग्रेस के किसी नेता से पूछताछ भी नहीं कर सकती? राहुल गांधी अपने संबोधनों में कई बार कह चुके है कि वे किसी से डरते नहीं है। मोदी सरकार उनके खिलाफ चाहे जितनी जांच करवा ले। यदि राहुल गांधी किसी डरते नहीं है तो फिर तीन दिनों से कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सांसदों, राष्ट्रीय पदाधिकारियों को क्यों दिल्ली में पटक रखा है?

यह तो अच्छा है कि देश में कांग्रेस की दो ही राज्यों में सरकार है यदि ज्यादा राज्यों में सरकार होती तो सभी मुख्यमंत्रियों को अपना अपना प्रदेश छोड़ कर दिल्ली में टिके रहना पड़ता। गंभीर बात यह है कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने प्रदेश की किसी जन समस्याओं को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन नहीं कर रहे बल्कि राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ पर एतराज जता रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जांच एजेंसियां किसी अपराधी से पूछताछ नहीं कर रही है? जनहित के मामलों में भी भाजपा और अन्य दलों के नेताओं को पुलिस थानों पर तलब किया जा रहा है। हमारे देश में कानून का राज है। यदि किसी आरोपी को जांच एजेंसियों की पूछताछ पर एतराज है तो वह अदालत की शरण भी ले सकता है। वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में पूछताछ पर ही नाराजगी जताना संदेह खड़ा करता है। क्या राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव के नामांकन में आय का जो ब्योरा दिया है, उसमें और ईडी के पास एकत्रित सबूतों में फर्क है? नेशनल हेराल्ड प्रकरण में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी आरोप है। ईडी ने सोनिया गांधी को भी समन भेज कर तलब किया है। अस्वस्थ होने के कारण सोनिया गांधी इन दिनों दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं। स्वाभाविक है कि जब सोनिया गांधी से पूछताछ होगी, तब अशोक गहलोत और भूपेश बघेल, राहुल गांधी से भी बड़ा धरना प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस के कुछ नेताओं को लगता है कि ऐसे प्रदर्शनों से राहुल गांधी की लोकप्रिय बढ़ेगी। लोकप्रियता कितनी बढ़ेगी यह तो समय ही बताएगा, लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के अनेक राज्यों में सत्ता से बाहर हो गई है। अब सिर्फ दो राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार बची है। लोकसभा में भी 545 में से कांग्रेस के मात्र 52 सांसद हैं।

काश! जन समस्याओं को लेकर प्रदर्शन होता:-

राजस्थान में भीषण गर्मी के दौरान पेयजल को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई है, महिलाओं को 200 फिट गहरे हुए में उतर कर एक मटकी पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। प्रदेश के अनेक पेट्रोल पंपों पर तेल समाप्त हो गया है। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की अनुमति का मामला केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद आरोप लगाते रहे हैं कि राजस्थान में केंद्र का सहयोग नहीं मिल रहा है। अच्छा होता कि सीएम गहलोत अपने मंत्रियों के साथ राजस्थान की जन समस्याओं को लेकर दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते। यदि जन समस्याओं को लेकर एक दिन भी प्रदर्शन हो जाता तो मोदी सरकार पर दबाव बनता। लेकिन सीएम गहलोत सिर्फ गांधी परिवार को खुश करने के लिए तीन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हैं।

पुलिस आयुक्त भी नहीं मिले:-

15 जून को लगातार तीसरे दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में मीडिया से संवाद किया। गहलोत ने कहा कि उन्होंने पहले सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स आदि जांच एजेंसियों के अधिकारियों से मिलने का समय मांगा, लेकिन किसी ने भी नहीं बुलाया। अब उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मुलाकात करने का समय मांगा है, लेकिन आयुक्त भी नहीं बुला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इन अधिकारियों से मिल कर आम लोगों की भावना से अवगत करना चाहते हैं। वे इन एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों को बताएंगे कि आम जनता में उनकी इमेज खराब हो रही हैं। गहलोत ने इस बात पर अफसोस जताया कि कार्यकर्ताओं को कांग्रेस मुख्यालय में भी जाने नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्रियों के साथ भी शिष्टाचार का निर्वाह नहीं कर रही है।