वन्य जीवों का हेल्पलाइन नम्बर-डीएफओ

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वन्य जीवों का हेल्पलाइन नम्बर-डीएफओ
वन्य जीवों का हेल्पलाइन नम्बर-डीएफओ

वन्य जीवों को घायल अवस्था या अनाथ स्थिति में पाये जाने पर वन विभाग कार्यालय को सूचित करें।वन्य जीवों के अवैध व्यापार एवं अवैध शिकार के सम्बन्ध में सूचना राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर पर दें। वन्य जीवों का हेल्पलाइन नम्बर-डीएफओ

प्रतापगढ़। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन एवं वन्य जीव प्रभाग जगदम्बिका प्रसाद ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देश के क्रम में जनमानस को जागरूक करने हेतु वन्य जीव संरक्षण हेतु सूचित करते हुये कहा है कि वन्य जीवों को घायल अवस्था या अनाथ स्थिति में पाये जाने पर वन विभाग के निकटस्थ कार्यालय को तत्काल सूचित करें। वन्य जीवों के अवैध शिकार, व्यापार आदि में शामिल व्यक्तियों/संस्थाओं की सूचना वन विभाग एवं पुलिस विभाग के निकटस्थ कार्यालय को दें। वन जीवों के अवैध व्यापार एवं अवैध शिकार के सम्बन्ध में सूचना राष्ट्रीय हेल्प लाइन नम्बर 1800-11-9334 (टोल फ्री) पर दें।

उन्होने यह भी कहा है कि बिना अनुमति के वन्य जीवों को पिंजड़े अथवा किसी परिसर में कैद कर रखना अपराध है, वन्य जीवों का शिकार, फन्दे में फंसाना, दौड़ाना, जहर देना आदि अवैध है कृपया ऐसा न करें। वन्य जीवों का व्यापार अवैध है अतः इसमें शामिल न हो। वन्य जीवांं के मांस का भक्षण या अन्य वन्य जीव से सम्बन्धित उत्पादों जैसे चमड़ा, सींग, पंख, बाल, नाखून, हड्डी आदि का उपभोग वर्जित है अतः इनका उपभोग न करें। वन्य जीवां को चोट पहुॅचाना, उनके अण्डों/घोसलों को नष्ट करना अपराध है ऐसा न करें। वन्य जीवों जैसे भालू, बन्दर, लंगूर, सांप, तीतर, तोता आदि को मनोरंजन हेतु प्रयोग में लाना गैर कानूनी है अतः ऐसा न करें। वन्य जीवों को चारा देकर पालतू बनाना अपराध है अतः ऐसा न करें। वन्य जीवों का हेल्पलाइन नम्बर-डीएफओ