क्या पिपराघाट की खुशियों का रेलवे फाटक होगा बंद..?

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राजधानी लखनऊ मुख्यमंत्री आवास के निकट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह एवं राज्यमंत्री सुभाष पासी उत्तर प्रदेश दिलकुशा कॉलोनी आवास से चन्द क़दमों की दूरी पर पिपराघाट बस्ती लगभग 100 वर्ष पुरानी है। राम नगरी अयोध्या और प्रयागराज रेलवे लाइन के बीच बसी पिपराघाट बस्ती के आगे गोमती का प्रवाह भी होता है जो आगे गोमती नगर जाने का मार्ग प्रशस्त करता है। पिपराघाट बस्ती से निकलने का एक ही मार्ग रेलवे का 212 नंबर गेट की है जिससे यहां के निवासी का आवागमन होता है। कुछ समय पहले रेलवे ने राम नगरी अयोध्या की ओर जाने वाली रेलवे ट्रैक गेट नंबर 212 से यहां के निवासियों का आना जाना बंद कर दिया था।अब यहां के निवासी प्रयागराज जाने वाली रेलवे ट्रैक से गुजरते रहें है ।

अब रेलवे विभाग राजधानी से प्रयागराज मार्ग पर बने 212 नंबर गेट को भी बंद करने जा रहा है,जिससे यहां के निवासियों का आवागमन प्रभावी होगा । अर्थात दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि यहां के लोग लगभग हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति में आ जाएंगे जबकि यह बस्ती आजादी से पहले की है और इनके आवागमन का एक मार्ग 212 नंबर गेट ही है,जिससे वह अपने दिनचर्या के लिए बाहर आते जाते रहे हैं । जब से यहां के लोगों ने सुना है कि यह मार्ग भी बंद कर दिया जाएगा तब से लोग काफी व्यथित और असहनीय महसूस कर रहे हैं । यहां के लोगों से वार्ता करने पर लोगों ने बताया कि रेलवे अपना मार्ग बंद कर दे मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मुझे यहां से निकलने का कोई अंडरपास रेलवे उपलब्ध करा दें । हम पिपराघाट के लोग विकास के मार्ग में किसी तरह से अवरोध बनना नहीं चाहते हैं बस्ती में लगभग 250 से 300 मकान बने हुए हैं। अनुमानता यहां बस्तियों में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 1000 के आसपास है।


यहां के लोगों ने संवाददाता को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने यहां के निवासियों के लिए सड़क बिजली नाली खंजा वाटर सप्लाई उत्पन्न कराती रही है। यहां के निवासियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 5 से 6 समरसेबल भी पिपराघाट बस्ती में स्थापित हैं । पिपराघाट एक आस्था के केंद्र के रूप में भी स्थापित है। इस बस्ती में लगभग 6 से 7 मंदिर भी स्थापित है और काफी पुराना मंदिर गोमती घाट पर भी बना हुआ है जहां पर श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है। रामडोल और कार्तिक पूर्णिमा का मेला भी पिपराघाट में गोमती तट पर वर्षों से लगता चला आ रहा है।

उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने अभी विगत कुछ माह पूर्व पिपराघाट में गोमती तट पर बसे मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 49.30 लाख रुपए भी उपलब्ध कराए हैं।एक तरफ जहां योगी सरकार के सौंदर्यीकरण से यहां के लोग प्रफुल्लित थे, वहीं रेलवे ने इनकी खुशी पर अपनी निराशा का फाटक बंद कर रहा है। योगी सरकार ने गोमती तट और मंदिर सौंदर्यीकरण का कार्य भी यहां तेजी से चल रहा है तथा पिपराघाट शमशान का सौंदर्यीकरण भी विधायक निधि से कराया जा रहा है। इससे पूर्व की सरकारों ने भी यहां काफी जन सुविधाओं को उपलब्ध कराया है। यहां के निवासी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उनसे गुनाह क्या हुआ है जिसका सजा उन्हें केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दे रही हैं। अगर रेलवे एक अंडर पास उपलब्ध करा दें तो इनका जीवन यापन काफी सरल हो जाएगा । यहां के लोग रक्षा मंत्री से अपील करते हैं कि उन्हें आवागमन का मार्ग उपलब्ध कराने के लिए रक्षा मंत्री रेल मंत्री से इस विषय में कुछ वार्ता कर समस्या का निदान कराएं।