श्रमिकों को मिले आयुष्मान कार्ड

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श्रमिकों को मिले आयुष्मान कार्ड
श्रमिकों को मिले आयुष्मान कार्ड

ई-श्रम पोर्टल पंजीकृत को मिले आयुष्मान कार्ड। महंगाई ने श्रमिकों का जीवन किया दुश्वार। 1 अगस्त सम्मेलन की तैयारी में लखनऊ में हुआ संवाद। श्रमिकों को मिले आयुष्मान कार्ड

अजय सिंह

लखनऊ। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए आयुष्मान कार्ड बनाया जाना चाहिए, उनका बीमा होना चाहिए, उनके बच्चों को आरटीई एक्ट के तहत मुफ्त शिक्षा का इंतजाम होना चाहिए, लड़कियों की शादी के लिए अनुदान मिलना चाहिए और उन्हें आवास व पेंशन की सुविधा दी जानी चाहिए। यह मांगे 1 अगस्त को डीएलसी ऑफिस में आयोजित असंगठित मजदूरों के साझा मंच के सम्मेलन की तैयारी में लखनऊ में हुए मजदूरों के संवाद में उठी। तैयारी के क्रम में चारबाग रेलवे स्टेशन के कुलियों, गोमती नगर, उदय गंज, हजरतगंज के लेबर अड्डे पर मौजूद निर्माण श्रमिकों और पुराने लखनऊ में चिकनकारी मजदूरों के बीच में संवाद किया गया।


संवाद में वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा देश का संविधान सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय की गारंटी करता है लेकिन मजदूरों को न्याय नहीं मिला। पूंजीपतियों के लिए बनने वाली नीतियां और कानून तत्काल लागू होते हैं लेकिन मजदूरों के हितों के कानून सरकारों द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं। मजदूरों को अपने अधिकारों को पाने के लिए संगठित होना होगा, साझा मंच इसी दिशा में एक प्रयास है। टीयूसीसी के प्रदेश महामंत्री प्रमोद पटेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करोड़ों मजदूरों का पंजीकरण तो करा लिया गया लेकिन उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। इस सामाजिक सुरक्षा को हासिल करने के लिए जनजागृति की जाएगी और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।

कुली यूनियन के अध्यक्ष राम सुरेश यादव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण से कुलियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना काल के बाद बहुत सारी ट्रेनें बंद कर दी गई और बहुत सारी ट्रेनों में स्लीपर क्लास के डिब्बे घटा दिए गए परिणाम स्वरूप आमदनी बेहद कम हो गई है और इस महंगाई में जीवन जीना और अपने परिवार का भरण पोषण करना कठिन होता जा रहा है। सभी मजदूरों से 1 अगस्त के सम्मेलन में बड़ी संख्या में उपस्थित होने की अपील संवाद के दौरान की गई। संवाद में गोरखनाथ सोनी, केशव मिश्रा, अर्जुन कुमार, रमेश कुमार, मुन्नी बाई, संजय कुमार, विजय कुमार, राम सरण पाल, कमलेश कुमार, जलील खान आदि मजदूरों ने अपनी बात रखी। श्रमिकों को मिले आयुष्मान कार्ड