नई नीति से लक्ष्य साधेगी योगी सरकार
नई नीति से लक्ष्य साधेगी योगी सरकार

नई नीति से लक्ष्य साधेगी योगी सरकार,नई आबकारी नीति से कई लक्ष्य साधेगी योगी सरकार। कृषि उत्पादों के संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने में होगी मददगार। गन्ना उत्पादकों को मिल सकेगा सही मूल्य, उद्योगों को भी मिलेगा बढ़ावा। अधिक एथनॉल के उत्पादन से सरकार की विदेशी मुद्रा में भी हो सकेगी बचत। हाल ही में योगी कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को दी है मंजूरी।
 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंत्रिपरिषद की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान की गई। इस एक कदम से योगी सरकार ने कई लक्ष्यों को साधने का प्रयास किया है। इस नीति के माध्यम से जहां एक ओर मादक वस्तुओं के निर्माण, परिवहन, आयात, निर्यात, बिक्री एवं कब्जे में रखे जाने संबंधी गतिविधियों को नियंत्रित करते हुए प्रदेश के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि करना उद्देश्य है तो वहीं उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण मदिरा उपलब्ध कराने के अतिरिक्त राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देने, आत्मनिर्भर उत्पादक राज्य बनाने, कृषि उत्पादों को नष्ट होने से बचाते हुए किसानों की आय में वृद्धि करने व रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने का उद्देश्य भी निहित है। साथ ही कई अन्य जरूरी लक्ष्य भी इसके माध्यम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पूर्ण होंगे। इसमें आबकारी विभाग की भूमिका नियामक एवं विकासकर्ता के रूप में होगी।

विदेशी मुद्रा की बचत

भारत सरकार की वर्तमान नीति के अनुसार इंधन में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल में 10 प्रतिशत की सीमा तक एथनॉल को मिश्रित किया जाना अनिवार्य है। इससे पेट्रोल के आयात पर होने वाली विदेशी मुद्रा की आंशिक बचत होती है। इस नीति के अन्तर्गत प्रदेश में उत्पादित एथनॉल से प्रदेश में स्थित पेट्रोलियम डिपोज को एथनॉल की आपूर्ति के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में स्थित पेट्रोलियम डिपोज में मिश्रित किए जाने के लिए एथनॉल का निर्यात किया जाता है। इस क्रम में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 96.55 करोड़ बल्क लीटर एथनॉल की निकासी हुई थी, जिसमें से 43.95 करोड़ बल्क लीटर उत्तर प्रदेश के आयल डिपोज को सप्लाई की गई तथा 52.60 करोड़ बल्क लीटर का निर्यात अन्य राज्यों को किया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में नवंबर, 2022 तक कुल 87.57 करोड़ बल्क लीटर एथनॉल की निकासी हुई, जिसमें से 43.55 करोड़ बल्क लीटर उत्तर प्रदेश के आयल डिपोज को आपूर्ति की गई तथा 44.01 करोड़ बल्क लीटर का निर्यात अन्य राज्यों को किया गया। केंद्र सरकार के एथनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ई.बी.पी.) प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए एथनॉल का उत्पादन करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा पावर अल्कोहल (एथनॉल) की उठान, निकासी की प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है। इसके लिए उठान हेतु ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है।

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उद्योग एवं उपभोक्ताओं को मिलेगी संतुष्टि

मदिरा उद्योग के व्यवसाय को कंपटीटिव बनाने के लिए सप्लाई की व्यवस्था में सुधार करने, मानक गुणवत्ता की मदिरा उचित मूल्यों पर उपलब्ध कराने तथा व्यवसाय से जुड़े लाइसेंस होल्डर को उनके द्वारा किए गए निवेश पर उचित लाभ प्रदान करने की दिशा में विभाग का प्रयास है कि वैल्यू चेन में प्रत्येक स्तर पर उत्पादकता बढ़े तथा उपभोक्ताओं को उनकी पसंद के अनुसार मदिरा आपूर्ति कंपटीटिव मूल्य पर प्राप्त हो। विभाग का उद्देश्य यह भी है कि मदिरापान को जिम्मेदार एवं सुरक्षित सीमा में रखा जाए। अल्कोहल वर्ष 2021-22 में माह नवंबर, 2022 तक गत वर्ष की समान अवधि के सापेक्ष अल्कोहल के उत्पादन में 13.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
 
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा

विभाग का यह प्रयास है कि वैल्यू चेन में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने, विदेशी एवं देशी निवेश को आकर्षित करने, सेवाओं को सुगम बनाने, लाइसेंस के आवंटन में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता रखने, मदिरा उद्योग, व्यवसाय से हितबद्ध लाइसेंस होल्डर पर नियंत्रण रखने, उपभोक्ताओं को उनकी रुचियों के अनुसार जानकारी प्रदान करने तथा जिम्मेदार एवं सुरक्षित सीमा में मदिरा सेवन करने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए। इससे एक और जहां प्रक्रियाओं का सरलीकरण होगा, वहीं दूसरी ओर समस्त स्टेक होल्डर्स को प्रत्येक स्तर की जानकारी सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुलभ हो सकेगी। इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस एवं गुड गवर्नेन्स को बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2022-23 में इसे बढ़ावा दिया गया है तथा ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम का उपयोग कर मंदिरा के ट्रांसमिशन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। वर्ष 2023-24 में इसमें और सुधार किया जाना प्रस्तावित है तथा विभाग की संपूर्ण कार्यप्रणाली का कंप्यूटराइजेशन किया जाना है।

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