अजमेर नगर निगम में भाजपा के लिए उम्मीदवारों का चयन आसान नहीं

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चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के केकड़ी में वार्ड चुनाव लडऩे वाले भाजपा कार्यकर्ताओं पर राज काज में बाधा डालने का मुकदमा।अजमेर नगर निगम के चुनाव में भाजपा के लिए उम्मीदवारों का चयन आसान नहीं।किशनगढ़ नगर परिषद के चुनाव में अपना वजूद कायम रखने के लिए निर्दलीय विधायक सुरेश टांक ने कांग्रेस से अलग मोर्चा बनाया।

एस0 पी0 मित्तल

जिले में अजमेर नगर निगम के साथ किशनगढ़ नगर परिषद व सरवाड़, केकड़ी तथा बिजयनगर नगर पालिका के चुनाव होने हैं। नामांकन की अंतिम तिथि 15 जनवरी है। इसलिए राजनीतिक माहौल गर्म है। सबसे पहले बात प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी की। केकड़ी नगर पालिका में 40 वार्डों में चुनाव होना है। इन चुनाव को जीतने के लिए रघु ने पूरा जोर लगा रखा है। पालिका के चुनाव रघु के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि हाल ही में संपन्न पंचायतीराज के चुनाव में रघु को केकड़ी में बुरी हार का सामना करना पड़ा।

केकड़ी से जुड़े जिले परिषद के पांचों वार्डों में तो कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई ही, साथ ही तीन पंचायत समितियों में से 2 में रघु को हार कार सामना करना पड़ा। रघु अब नहीं चाहते हैं कि शहरी क्षेत्र में भी हार का मुंह देखना पड़े। यही वजह है कि 40 वार्डों की निगरानी स्वयं रघु शर्मा कर रहे हैं। अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निपटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। 12 जनवरी को ही केकड़ी पुलिस ने भाजपा के 16 कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजकाज में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया है। इन 16 नामजद कार्यकर्ताओं में कई कार्यकर्ता पालिका चुनाव में उम्मीदवार हैं। यही वजह है कि 28 जनवरी को होने वाले चुनाव में भाजपा के ऐसे कार्यकर्ता भूमिगत हो गए हैं। कार्यकर्ताओं को डर है कि राजनीतिक दबाव की वजह से नामांकन से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा और केकड़ी चुनाव के संयोजक अनिल मित्तल ने आरोप लगाया है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक द्वेषता से मुक्दमें दर्ज किए हैं। दोनों का आरोप है कि रघु शर्मा अपने मंत्री पद का दुरुपयोग भी कर रहे हैं। 11 जनवरी को ही भाजपा कार्यकर्ता दशरथ साहू की गजक बनाने की फेक्ट्री पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से छापे की कार्यवाही की गई। साहू के गजक बनाने के काम पर पहले भी दो बार स्वास्थ्य विभाग ने छापे की कार्यवाही की है। 11 जनवरी को भाजपा के कार्यकर्ता अपने विरोध दर्ज करवाने के लिए मौके पर गए थे। लेकिन दबाव में आकर स्वास्थ्य विभाग ने भाजपा के 16 कार्यकर्ताओं के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज करवा दी है।

मंत्री रघु शर्मा चाहते हैं कि भाजपा के कार्यकर्ता वार्ड पार्षद का चुनाव ही न लड़े। भाजपा के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने से केकड़ी का राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। पुलिस ने जिन भाजपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है, उनमेंं नगर पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष अनिला मित्तल, दरशथ साहू, कैलाश जाट, सुरेश जाट, अमन सोनी, धनराज, प्रीतम जैन, रामावतार, कैलाश माली, श्रीराम आचार्य, लोकेश साहू, पिंटू साहू, राकेश शर्मा, प्रधान सैनी, सावरा जाट व अमित साहू हैं।


किशनगढ़ विधायक ने बनाया प्रगति मंच:-


किशनगढ़ शहर में अपना वजूद बनाए रखने के लिए निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने नगर परिशद के चुनाव में अलग मोर्चा बना लिया है। टाक ने प्रगति मंच बना कर अपने उम्मीदवारों को वार्ड चुनाव में खड़ा करने का निर्णय लिया है। टाक ने अपने समर्थकों से आव्हान किया है कि वे निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर नामांकन दाखिल करें। टाक ने कहा कि वे पहले की तरह राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को अपना समर्थन देते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कारण समर्थन दिया है। उनकी निष्ठा मुख्यमंत्री के साथ है। लेकिन किशनगढ़ में कांग्रेस के अनेक नेता नहीं चाहते कि संगठन मजबूत हो। चूंकि कांग्रेस के नेताओं का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है, इसलिए वे अलग मोर्चा बना रहा हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार विधायक टाक के मोर्चा बनाने से नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होगा।


भाजपा के लिए उम्मीदवारों का चयन आसान नहीं:-


अजमेर नगर निगम के 80 वार्डों के चुनाव होने हैं। इन 80 वार्डों के लिए भाजपा के 1100 कार्यकर्ताओं ने टिकिट की मांग की है। यही वजह है कि भाजपा के लिए उम्मीदवारों का चयन आसान नहीं है। इस बार मेयर का पद एससी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है।

भाजपा के एससी वर्ग के नेताओं ने अपनी पत्नी के लिए टिकिट मांगा है। भले ही मेयर का पद एससी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पार्षद बनने की लालसा भी है। असल में पार्षद पद के आकर्षण को देखते हुए अधिकांश कार्यकर्ता पार्षद बनने का ख्वाब देख रहे हैं। जिस नेता के पास भी कुछ वोटों का जुगाड़ है, वह पार्षद बनने के लिए लालयित है।

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी और विधायक अशोक लाहोटी को अजमेर का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। टिकिट वितरण में शहर के दोनों विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल का भी दखल माना जा रहा है। इसके साथ ही भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा की राय को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

जानकार सूत्रों के अनुसार पर्यवेक्षकों के राय है कि दोनों विधायकों की सहमति से उम्मीदवारों का चयन हो, क्योंकि श्रीमती भदेल और देवनानी लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। दोनों ने भिन्न भिन्न परिस्थितियों में चुनाव जीता है। लगातार 17 बरस से अपने अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के कारण दोनों विधायकों को वार्ड स्तर की चुनावी गणित का अनुभव है। यह भी सही है कि अनेक वार्डों में इन विधायकों का विरोध भी है।