कार्यदायी संस्था वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करे–जिलाधिकारी

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आगामी शीतकाल में स्मॉग से संभावित खतरों से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने ली बैठक
लापरवाही पर होगी कार्यवाही।

लखनऊ,  जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में आगामी शरद ऋतु में सम्भावित वायु प्रदूषण एवं स्माग की समस्या के निदान हेतु एक बैठक कलेक्ट्रेट स्थित डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम सभागार में सम्पन्न हुयी, जिसमें क्षेत्रीय अधिकारी उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डा0 राम करन सहित सभी उत्तरदायी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

जिलाधिकारी ने कहा कि लखनऊ शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के रोकथाम हेतु सभी उत्तरदायी विभाग उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार की गयी कार्य योजना के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यदायी संस्था वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करे।

उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग ऐसे मार्गो जों आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है उनमें पैच मरम्मत का कार्य शीघ्र पूर्ण करायें। उन्होंने कहा कि शहर में निर्माणाधीन परियोजनाओं से जनित डस्ट आदि को रोकने के लिये जल का छिड़काव किये जाने, ग्रीन नेट की व्यवस्था, निर्माण सामग्री को ढक कर रखने, बृहद परियोजनाओं पर एनटी स्मोक गन तथा पी0टी0 जेड कैमरा की स्थापना किये जाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जायें। निर्माण सामग्री के परिवहन में प्रयुक्त वाहनों को पूर्णतया कवर्ड कर ही परिवहन किया जायें। डस्ट कन्ट्रोल हेतु निर्माण परियोजनाओं द्वारा सेल्फ डस्ट कन्ट्रोल आडिट पद पर  अपलोड किया जायें।

प्रत्येक कार्यवायी संस्था अपने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की डिटेल व सभी व्यवस्था मानक के अनुरूप सुनिश्चित कराते हुए फोटोग्राफ कल तक उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जो कार्यदायी संस्था द्वारा कल तक डिटेल उपलब्ध नही करायी जाती है सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित कराते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा टीमें गठित कर लखनऊ शहर एवं आस-पास संचालित वायु प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाईयों, निर्माणधीन परियोजनाओं का औचक निरीक्षण सुनिश्चित कराते हुए दोषी औद्योगिक इकाईयों एवं निर्माण परियोजनाओं के विरूद्ध अधिनियमों के अन्र्तगत कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायें, इसके साथ ही डस्ट कन्ट्रोल आडिट का सतत अनुश्रवण किया जायें।

इसके अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों से भी निर्माणाधीन परियोजनाओं का औचक निरीक्षण कराया जायेगा, निरीक्षण में यदि प्रदूषण नियंत्रण हेतु  दिये गये निर्देशों के अनुपालन में व्यवस्थायें सुनिश्चित नही करायी गयी मिलती है तो कार्यदायी संस्था के विरूद्ध जुर्माना व उत्तरदायी विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी।