गन्ना किसानों को रिकॉर्ड 1.12 लाख करोड़ का भुगतान-सुरेश राणा

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चीनी उद्योग ग्रामीण भारत में स्थित कृषि पर आधारित सबसे बड़ा उद्योग है। लगभग 5 करोड़ गन्ना किसान, उनके आश्रित तथा काफी अधिक संख्या में खेतिहर मजदूर गन्ने की खेती, कटाई एवं संबंधित गतिविधियों में लगे हैं, जोकि ग्रामीण जनसंख्या के 7.5 हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में चीनी उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है।देश के कुल चीनी उत्पादनमें उत्तर प्रदेश का योगदान 38% है। राज्य में कुल गन्ना क्षेत्र 23 लाख हेक्टर है। राज्य में 119 चीनी मिलों के साथ-साथ उनकी सहायक 61 को-जनरेशन इकाइयां 1,555 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती हैं, जो राज्य की ऊर्जा समस्या को हल करने और स्थानीयअर्थव्यवस्था को मजबूत बनानेमें सहयोग करती है।

उत्तर प्रदेश की मिलों ने किया 6 लाख टन चीनी निर्यात अनुबंध पर हस्ताक्षर ……………

केंद्र सरकार द्वारा चीनी निर्यात सब्सिडी नीति की घोषणा के एक हफ्ते बाद, उत्तर प्रदेश के मिलरों ने छह लाख टन से अधिक कच्ची और सफेद चीनी के लिए निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर करके मोर्चा संभाल लिया है। इसके विपरीत, महाराष्ट्र से मिलों ने अभी तक एक भी अनुबंध पर हस्ताक्षर नही किया है।

वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी बी ठोम्ब्रे ने कहा, केंद्र को चीनी निर्यात अधिसूचना जारी करने और अधिकतम स्वीकार्य निर्यात मात्रा (MAEQ) मिल वाइज का जल्द से जल्द आवंटन करने के लिए लिखा है। जिसके चलते निर्यात में तेजी आए और बाजार में ब्राजील की चीनी आने से पहले भारत की चीनी अधिकतम मात्रा निर्यात हो जाए।

व्यापारियों के अनुसार, 2,400 से 2,420 रुपये प्रति क्विंटल पर निर्यात अनुबंध हस्ताक्षर किए गए हैं। व्यापारियों के मुताबिक, कई मिलों ने पिछले साल की तरह ही कोटा पाने के हिसाब से अनुबंध किया है। केंद्र सरकार द्वारा आवंटित 60 लाख टन चीनी में से, उत्तर प्रदेश का हिस्सा सामान्य रूप से 20 लाख टन तक आता है, जबकि महाराष्ट्र का हिस्सा 16 लाख टन तक आता है। पिछले सीजन में, महाराष्ट्र का निर्यात कोटा लगभग 16.80 लाख टन था।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि, राज्य सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में गन्ना किसानों को 1.12 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो अब तक का सर्वाधिक भुगतान है। उन्होंने दावा किया की, पिछली सपा सरकार के पांच वर्षों में संयुक्त गन्ना मूल्य भुगतान की तुलना में राज्य का भुगतान 17,314 करोड़ अधिक है। लॉकडाउन के दौरान चीनी की बिक्री कम होने के बावजूद  गन्ना किसानों को 5,854 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। मंत्री ने कहा कि, लॉकडाउन के बावजूद, सभी 119 चीनी मिलें राज्य में गन्ना किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू थी। इसके अलावा, राज्य सरकार ने 243 खंडसारी इकाइयों को लाइसेंस दिए। राणा ने कहा कि, राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, गन्ना विकास विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने में मदद करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राणा के अनुसार, लगभग 3.25 करोड़ परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गन्ना उद्योग से जुड़े हैं। लगभग 45 लाख किसान सीधे गन्ने की खेती से जुड़े हैं।