गोवंश आश्रय स्थलों के मध्य प्रतिस्पर्धा का आयोजन कराया जाए – आलोक सिन्हा

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गोवंश आश्रय स्थलों में गोवंश के बेहतर रख-रखाव एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं सहित बेहतर संचालन कराने के दृष्टिकोण से गोवंश आश्रय स्थलों के मध्य प्रतिस्पर्धा का आयोजन कराया जाए। आदर्श गौवंश आश्रय स्थलों का माॅडल बनाकर आवश्यक जानकारियां अन्य गौवंश आश्रय स्थलों को भी उपलब्ध कराई जाए। मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी अपने स्तर पर निर्धारित अवधि में नियमित रूप से बैठक करने के साथ-साथ निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कराएं।गौवंश आश्रय स्थलों में निराश्रित पशुओं के लिए शीतलहर को दृष्टिगत रखते हुए आवयश्क व्यवस्थाएं एवं उनके खाने के लिए भूसा एवं चारे की पर्याप्त व्यवस्था प्रत्येक दशा में समय से सुनिश्चित कराई जाए।


लखनऊ – प्रदेश में गोवंश आश्रय स्थलों में गोवंश के बेहतर रख-रखाव एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं सहित बेहतर संचालन कराने के दृष्टिकोण से गोवंश आश्रय स्थलों के मध्य प्रतिस्पर्धा का आयोजन कराया जाए। उन्होंने कहा कि आदर्श गौवंश आश्रय स्थलों का माॅडल बनाकर उसी के अनुसार अवस्थापना एवं अन्य सुविधाएं सृजित करने की आवश्यक जानकारियां अन्य गौवंश आश्रय स्थलों को भी उपलब्ध कराई जाए। अन्य गौवंश आश्रय स्थलों को बेहतर बनाने हेतु आवश्यक कार्यों के लिए योजनावार धनराशि उपलब्ध कराने की पूर्ण जानकारी सम्बन्धित जनपदों को यथाशीघ्र उपलब्ध करा दी जाए।

लगभग 1169 गौवंश आश्रय स्थलों में बनने वाली खाद का उपयोग जैविक खेती में कराने हेतु सम्बन्धित विभाग यथाशीघ्र आवश्यक निर्देश निर्गत करना सुनिश्चित कराएं। प्रदेश के समस्त निराश्रित गौवंशों को स्थानीय स्तर पर ही आवश्यक व्यवस्थाएं एवं उनके खाने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु प्रत्येक न्याय पंचायत पर गौवंश आश्रय स्थल खोलने हेतु आवश्यकतानुसार जमीन का चिन्हांकन कराकर यथाशीघ्र अन्य व्यवस्थाएं नियमानुसार सुनिश्चित कराई जाएं। उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कार्यवाहक मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने यह निर्देश आज यहां गौवंश आश्रय स्थलों की स्थापना, क्रियान्वयन, संचालन व प्रबन्धन के अनुश्रवणार्थ प्रदेश स्तरीय अनुश्रवण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागीय अधिकारियों को दिये। 

उन्होंने निर्देश दिये कि मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी अपने स्तर पर निर्धारित अवधि में नियमित रूप से बैठक करने के साथ-साथ निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराते हुए कृत कार्यवाही से सम्बन्धित विभागों को अवगत कराना सुनिश्चित कराएं ताकि शासन स्तर पर अपेक्षानुसार कार्य नियमानुसार यथाशीघ्र सुनिश्चित हो सके। उन्होंने गौवंश आश्रय स्थलों के संचालन हेतु अभी तक अवमुक्त 166 करोड़ रूपये की धनराशि के अतिरिक्त लगभग 34 करोड़ रूपये की धनराशि यथाशीघ्र जनवरी माह में ही अवमुक्त करने के निर्देश दिये।

अवमुक्त धनराशि का मात्र 70 प्रतिशत ही उपभोग प्रमाण-पत्र सम्बन्धित जनपदों से प्राप्त होने पर निर्देश दिये कि सुनिश्चित किया जाए कि अवमुक्त धनराशि का नियमानुसार उपयोग कर यथाशीघ्र शत-प्रतिशत उपभोगता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर अवशेष धनराशि यथाशीघ्र नियमानुसार निर्गत करा दी जाए।  उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि गौवंश आश्रय स्थलों में निराश्रित पशुओं के लिए शीतलहर को दृष्टिगत रखते हुए आवयश्क व्यवस्थाएं एवं उनके खाने के लिए भूसा एवं चारे की पर्याप्त व्यवस्था प्रत्येक दशा में समय से सुनिश्चित कराई जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि आगामी वित्तीय वर्ष में गौवंश आश्रय स्थलों के निराश्रित गौवंशों के लिए आवश्यकतानुसार भूसे की व्यवस्था आगामी रबी सीजन में ही करा ली जाए ताकि अनावश्यक रूप से रबी सीजन के बाद अधिक मूल्य पर भूसे की खरीद करने हेतु विवश न होना पड़े। गौवंश आश्रय स्थलों के सुदृढ़ीकरण एवं अतिरिक्त आवश्यक निर्माण कार्यों हेतु राज्य वित्त आयोग से धनराशि प्राप्त करने के साथ-साथ मनरेगा से भी कार्य कराया जाना नियमानुसार सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां सुनिश्चित कराई जाएं।  बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास के0 रवीन्द्र नायक सहित अन्य सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।