बिना अनुमति पटाखों की दुकानें न लगायी जाये-जिलाधिकारी

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अयोध्या, जिला प्रशासन द्वारा आतिशबाजी की दुकानों के स्थाई और अस्थाई लाइसेंस धारकों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका (सिविल) संख्या-728/2015 अर्जुन गोपाल व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 23.10.2018, 30.10.2018 एवं 31.10.1018 के अनुपालन के संबंध में शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों  के क्रम में अपर जिलाधिकारी नगर ने बताया कि पटाखों की अस्थायी दुकानें बिना अनुमति के न लगायी जाये तथा पटाखों की दुकान हेतु स्थान चयनित करते समय यह ध्यान रखा जाये कि आबादी के बीच में न हो। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित कर लें कि सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए दुकानदारों द्वारा पटाखें रखने हेतु अस्थायी गोदामों की भी सघन चेकिंग की जाये। अग्निशमन से संबंधित उपायों को भी ध्यान में रखा जाये।

   उन्होंने निर्देश दिया है कि अस्थायी संरचानाओं एवं पंडालों के निर्माण में अग्निशमन विभाग द्वारा जारी सिफारिशों आई०एस0 8758 वर्ष 1993 का अनुपालन सुनिश्चित रहे। आतिशबाजी को सुरक्षित एवं अज्वलनशीन सामग्री से बने शेड में ही रखा जावे। आतिशबाजी की अस्थाई दुकानें, एक दूसरे से 03 मीटर की दूरी पर एवं किसी संरक्षित स्थलों से 50 मीटर की दूरी पर होगी। यह अस्थायी दुकानें एक दूसरे के आमने-सामने नहीं होगी।

मण्डलायुक्त ने बताया कि राजस्व परिषद उ0प्र0 की अध्यक्षता में दिनांक 11 नवम्बर 2020 को पूर्वान्ह 10ः30 बजे से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राजस्व कार्यो की समीक्षा की जायेगी संबंधित अधिकारी अवगत होने के साथ तदानुसार कार्यवाही करे।आगामी दीपावली व अन्य पर्वों के दौरान पटाखों के भंडारण , विक्री एवं प्रयोग के संबंध में दिशा- निर्देश।

सुरक्षा दूरी के अन्दर एवं इन दुकानों में प्रकाश हेतु किसी प्रकार का तेल लैम्प, गैस लैम्प एवं खुली बिजली बत्तियों का प्रयोग नहीं होगा। यदि किसी के द्वारा बिजली की लाइन का प्रयोग किया जाता है तो उसे या तो दीवार पर या छत पर दृढ़ता से लगाने होंगें एवं एक पंक्ति की सभी की सभी दुकानों के लिए मास्टर स्विच लगाना होगा। किसी दुकान के 50 मीटर के अन्दर आतिशबाजी का प्रदर्शन प्रतिबन्धित होगा। यह सुनिश्चित किया जाये कि दुकान का आपातकालीन निकास द्वार पूर्णतः खुला है एवं रास्ते में कोई अवरोध न हो।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि दुकानदार दुकान के अन्दर अधिक मात्रा में आतिशबाजी को/ग्राहकों को इकट्वा न होने दें जिससे कि दुकान के अन्दर आतिशबाजी के आइटम के रख-रखाव हेतु पर्याप्त मात्रा में जगह हो। दुकान के भीतर धूम्रपान पर पूर्णतः प्रतिबंध रखा जाय तथा दुकान में किरोसिन लैम्प लालटेनध्मोमबत्ती आदि को भण्डारण एवं विक्रय के समय न लाया जाये। आतिशबाजी की दुकान पर समुचित मात्रा अग्निशमन यंत्रों, बालू की बाल्टियाँ उपलब्ध रखी जाये तथा दुकान में कार्यरत सभी व्यक्तियों को इनके प्रयोग की विधि से अवगत करा दिया जाये एवं स्थानीय अग्निशमन विभाग से तालमेल रखा जाये।

दुकान के आगे कोई अस्थाई प्लेट फार्म या शेड का निर्माण न कराया जाये। दुकान मे बिजली की फिटिंग लोहे के कन्डयूट पाईप के भीतर होनी चाहिये तथा खुले तारों का प्रयोग कर बल्ब, ट्यूब लाइट, बिजली के पंखे आदि को न चलाया जाये। सम्पूर्ण सुरक्षा के हित में आतिशबाजी के बक्सों (खाली अथवा भरे) को दुकान के आगे फुटपाथ मे भण्डारण न किया जाये। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ध्वनि प्रदूषण (विनियम एवं नियंत्रण) नियम 2000 के अनुसार घोषित साइलेंस जोन यथा अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक एवं जिला हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय धार्मिक स्थल एवं अन्य घोषित क्षेत्रों के 100 मीटर के अंदर पटाखे न छोड़े जाए। उन्होंने कहा कि दीपावली के पर्व के दौरान कम वायु प्रदूषणध्ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग किया जाए।

सीरीज युक्त पटाखों/लडियों का प्रयोग प्रतिबंधित है, ई-कॉमर्स वेबसाइट यथा फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री प्रतिबंधित है। जिलाधिकारी ने सभी मजिस्ट्रेटों, पुलिस के अधिकारियों एवं अग्निशमन के अधिकारियों को शासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने तथा शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कड़ी वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।