मुख्यमंत्री ने स्ट्राॅबेरी महोत्सव का किया शुभारम्भ

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मुख्यमंत्री ने जनपद झांसी में आयोजित स्ट्राॅबेरी महोत्सव का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया।राज्य सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए कृतसंकल्पित।स्ट्राॅबेरी महोत्सव जैसे अभिनव प्रयास इसमें सहायक,किसानों को खेती के अभिनव प्रयासों से जोड़ने की आवश्यकता, जिला प्रशासन इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रभावी और सार्थक प्रयास करे।


लखनऊ – आज यहां अपने सरकारी आवास पर जनपद झांसी में आयोजित स्ट्राॅबेरी महोत्सव का मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव श्री देवेश चर्तुेवेदी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम के साथ जुड़े हुए थे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए कृतसंकल्पित है। झांसी में स्ट्राॅबेरी महोत्सव का आयोजन जैसे अभिनव प्रयास इसमें सहायक हैं। किसानों को खेती के अभिनव प्रयासों से जोड़ने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन को इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रभावी और सार्थक प्रयास करना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने झांसी की भूमि को अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से स्ट्राॅबेरी की खेती के अनुकूल बनाने के लिए किसानों और नागरिकों की सराहना की।स्ट्राॅबेरी महोत्सव सभी परिश्रमी और प्रगतिशील किसानों के लिए प्रेरणादायी।तकनीक के प्रयोग से फसलों की लागत कम की जा सकती है, साथ ही, उत्पादन में बड़ी मात्रा में वृद्धि सम्भव, इससे किसान की आमदनी बढ़ेगी।मध्य गंगा नहर, सरयू नहर सहित एक दर्जन सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा, इससे 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी।

वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार निरन्तर किसानों के हित व कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं। इस क्रम में किसान को खेत से बाजार तक विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं के माध्यम से किसान बाजार की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ ही, आम उपभोक्ता को भी महंगाई से बचा सकते हैं और अपनी आमदनी में भी वृद्धि कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत वर्ष, काफी समय से लम्बित बाण सागर सिंचाई परियोजना को पूर्ण किया गया है। मध्य गंगा नहर, सरयू नहर सहित एक दर्जन सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इससे 20 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी।

मुख्यमंत्री ने झांसी की भूमि को अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से स्ट्राॅबेरी की खेती के अनुकूल बनाने के लिए यहां के किसानों और नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड की धरती पर स्ट्राॅबेरी महोत्सव का आयोजन देश व प्रदेश के लिए नया संदेश है। इससे बुन्देलखण्ड के बारे में लोगों की धारणा में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड सभी सम्भावनाओं और क्षमताओं से परिपूर्ण है।

वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार निरन्तर किसानों के हित व कल्याण के लिए कार्य कर रही, इस क्रम में किसान को खेत से बाजार तक विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही।कृषि एवं उद्यान विभाग प्रदेश के अन्य जनपदों में अलग और विशिष्ट फसलों पर केन्द्रित महोत्सव के आयोजन की दिशा में प्रभावी और सार्थक प्रयास करे।

समुचित अवसर और मंच प्राप्त होने पर यहां के किसान और नागरिक अपनी क्षमताओं को साकार रूप दे सकते हैं। कार्य करने की इच्छाशक्ति होने पर व्यक्ति कठिन से कठिन चुनौती का सामना कर परिणाम दे सकता है। स्ट्राॅबेरी सामान्यतः शीतोष्ण जलवायु की फसल है। झांसी में पहले इसे घर की छत पर उगाया गया। इसके बाद खेतों में इसकी फसल उगाई गयी। इसमें सफलता मिलने के बाद आज झांसी में स्ट्राॅबेरी महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। यह एक चमत्कार है। उन्होंने आशा जतायी कि यह महोत्सव बुन्देलखण्ड को नयी पहचान दिलाएगा।

जनपद सुल्तानपुर के किसान द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के कई जनपदों में किसानों ने अपने परिश्रम से ऐसी फसलें उगायीं हैं, जिनके बारे में धारणा थी कि इन फसलों को वहां नहीं उगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्ट्राॅबेरी महोत्सव सभी परिश्रमी और प्रगतिशील किसानों के लिए प्रेरणादायी है। यह किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही मार्केट की जरूरतों को पूर्ण करने में भी सहायक है।

झांसी के स्ट्राॅबेरी महोत्सव की भांति ही जनपद सुल्तानपुर में ड्रैगन फ्रूट, सिद्धार्थनगर में काला नमक चावल, चन्दौली में ब्लैक राइस, बाराबंकी में सब्जी, कौशाम्बी व प्रयागराज में अमरूद, प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के जनपदों में आर्गेनिक गुड़, कुशीनगर में केले आदि की फसलों को केन्द्र में रखकर प्रयास किये जाने चाहिए। कृषि एवं उद्यान विभाग प्रदेश के अन्य जनपदों में अलग और विशिष्ट फसलों पर केन्द्रित महोत्सव के आयोजन की दिशा में प्रभावी और सार्थक प्रयास करे।

झांसी में स्ट्राॅबेरी की खेती में टिश्यू कल्चर के प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि तकनीक के प्रयोग से फसलों की लागत कम की जा सकती है। साथ ही, उत्पादन में बड़ी मात्रा में वृद्धि सम्भव है। इससे किसान की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि अत्यन्त उर्वरा है। सरफेस वाटर के उचित नियोजन एवं ड्रिप एरिगेशन को प्रोत्साहित कर सिंचन क्षमता में भी व्यापक वृद्धि भी की जा सकती है।