संसद के मॉनसून सत्र में इस बार प्रश्नकाल रद्द करने के फैसले से सरकार ने अब यू-टर्न ले लिया है। विपक्ष की आलोचना के बाद अब सरकार ने सीमित संख्या में प्रश्नकाल रखने का फैसला किया है। संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है और विपक्षी दलों को इसके बारे में पहले ही बता दिया था। हालांकि जोशी ने कहा है कि उन्होंने लोकसभा के स्पीकर से अनुरोध किया गया है कि सत्र के दौरान सांसदों को अतारांकित प्रश्न की अनुमति दी जाए। ये वो सवाल होते हैं जिसका मंत्री लिखित में जवाब देते हैं। जोशी ने कहा कि हम किसी भी चर्चा से भाग नहीं रहे हैं और हम उन सभी मुद्दों और विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जिसका फैसला कार्यमंत्रणा समिति में लिया जाएगा। ‘जोशी ने ये भी कहा कि मानसून सत्र कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अभूतपूर्व परिस्थितियों में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रश्नकाल होता है तो मंत्रालयों के अधिकारियों को संसद में आना होगा और इससे भीड़ हो सकती है। मंत्री ने कहा कि इसलिए सदस्यों की सुरक्षा के लिए मानसून सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल नहीं रखा गया था। उन्होंने कहा कि सत्र के लिए अधिसूचना जारी होने से पहले सरकार ने सभी विपक्षी दलों से संपर्क किया था और उनमें से अधिकांश सत्र के दौरान प्रश्नकाल आयोजित नहीं करने पर सहमत थे।
मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पहले दिन को छोड़ कर दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक होगी। पहले दिन दोनों ही सदन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेंगे।इसके अलावा सांसदों के बैठने की जगह में भी बदलाव किए गए हैं, ताकि कोरोना के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। इस बार का सत्र शनिवार और रविवार को भी चलेगा, ताकि संसद का सत्र जितने घंटे चलना ज़रूरी है, उस समयावधि को पूरा किया जा सके।इस सत्र में प्राइवेट मेम्बर बिजनेस की इजाज़त नहीं दी गई है, शून्य काल होगा और सांसद जनता से जुड़े ज़रूरी मुद्दे भी उठा सकेंगे, लेकिन उसकी अवधि घटा कर 30 मिनट कर दी गई है।
प्रहलाद जोशी दूसरी तरफ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा ने प्रश्नकाल हटाने के प्रस्ताव की आलोचना की थी। वामदल और तृणमूल कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सरकार पर प्रहार कर चुके हैं। प्रश्नकाल स्थगित करने के फैसले की आलोचना करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वो कोविड-19 महामारी के नाम पर ‘लोकतंत्र की हत्या’कर रही है। विपक्षी दलों ने ये आरोप भी लगाया कि सरकार सवाल पूछने के सांसदों के अधिकारों से उन्हें वंचित करना चाहती है। उनका कहना है ऐसा इसलिए किया गया है ताकि विपक्षी सदस्य अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी पर सरकार से सवाल न पूछ पाएं।Shashi Tharoorलोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह 9 से एक 1 तक और दोपहर 3 से 7 बजे तक चलेगी। शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी। संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है। सिर्फ पहले दिन को छोड़कर राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में चलेगी जबकि लोकसभा शाम की पाली में बैठेगी।