योगी सरकार की उपलब्धि-लगभग चालीस बड़े घोटाले – अजय कुमार लल्लू

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कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त, हत्या, लूट, महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या, डकैती जैसी जघन्य घटनाएं योगी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि रही। बेरेाजगारी दर पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दो गुना बढ़ी-रोजगार के क्षेत्र में योगी सरकार की उपलब्धि । पूरे वर्ष दर्जनों बड़े आन्दोलन रहे योगी सरकार की एक वर्ष उपलब्धियां। योगी सरकार के कई मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप।
 
– अशोक सिंह

लखनऊ – उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी आज जारी बयान में कहा है कि योगी सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल 2020 योगी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि भ्रष्टाचार, घोटाला, ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, गौशालाओं में गौ माताओं की मौतें, किसानों की आत्महत्याएं, उत्पीड़न आदि के लिए जाना जाएगा। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दर्जन से अधिक साधुओं की निर्मम हत्या, हाथरस, लखीमपुर, गोरखपुर, कानपुर, कौशाम्बी, मेरठ, बलरामपुर, भदोही, आजमगढ़, फतेहपुर, अलीगढ़, बुलन्दशहर, मथुरा आदि प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में रेप, हत्या की वीभत्स घटनाएं योगी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि के रूप में जानी जाएगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार उ0प्र0 में प्रतिदिन औसतन आठ महिलाओं का बलात्कार और तीस महिलाओं का अपहरण होता है। पिछले साल के मुकाबले इस साल महिलाओं के खिलाफ अपराध में 24 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जहां तक रोजगार की बात है कोरोना काल के पहले ही बेरोजगारी अपने चरम पर थी जैसा कि श्रम मंत्रालय उ0प्र0 के मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में लिखित जवाब दिया था कि बेरोजगारी दर 2018 के 5.92 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2019 में लगभग दो गुना बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो चुकी थी। कोरोना के बाद यह स्थिति और भी भयावह हो गयी। लोक कल्याण संकल्प पत्र में किये गये 14 लाख प्रतिवर्ष सरकारी नौकरी देने के वादे को पूरा करने में योगी सरकार पूरी तरह विफल साबित हई है। नवम्बर माह में ही केन्द्र के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि कोरोना काल में 39 लाख संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उ0प्र0 में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो वर्ष 2011-12 के पांच करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गयी होगी।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना काल के पहले ही बेरोजगारी अपने चरम पर थी जैसा कि श्रम मंत्रालय उ0प्र0 के मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में लिखित जवाब दिया था कि बेरोजगारी दर 2018 के 5.92 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2019 में लगभग दो गुना बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो चुकी थी। कोरोना के बाद यह स्थिति और भी भयावह हो गयी। आंगनबाड़ी, शिक्षामित्र, अनुदेशक, आशा बहु, रोजगार सेवक, कस्बूरबा गांधी विद्यालयों के शिक्षक, खेल प्रशिक्षक आदि विभिन्न वर्गों के लोग सरकार की गलत नीतियों से अनके प्रकार के शोषण और उत्पीड़न के शिकार हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जीरो टालरेन्स की  योगी सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों में बाढ़ सी आ गयी। घोटाले के लिए भी योगी सरकार का यह वर्ष उपलब्धि भरा रहा है। 69हजार शिक्षक भर्ती घोटाला, डीएचएफएल घोटाला, होमगार्ड वेतन घोटाला, पीपीई किट घोटाला, स्वेटर,जूता, मोजा घोटाला, पशुपालन विभाग घोटाला, स्मार्ट मीटर रीडिंग घोटाला, लखनऊ विकास प्राधिकरण घोटाला, बांदा में चारा घोटाला, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत अल्पसंख्यक कल्याण योजना के तहत पेयजल और सीवर लाइन के निर्माण में घोटाला, लोकसेवा आयोग 2018 का पेपर लीक घोटाला, पंचायती राज विभाग में परफार्मेन्ट ग्रान्ट घोटाला, यमुना एक्सप्रेस वे घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, इन ब्लाक मोबाइल घोटाला आदि घोटाले मुख्यमंत्री जी की उपलब्धियां रही हैं।

योगी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि के रूप में सड़कों पर हुए जनान्दोलन को कुचलने और दमन के लिए भी जाना जाएगा। वाराणसी सहित कई जनपदों में बुनकरों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर आन्दोलन किये गये और सड़कों पर उतरे। होमगार्ड सिपाही सेवा से पृथक किये जाने के विरोध में सड़कों पर उतरे, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जहां पेंशनर्स सड़कों पर उतरे वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा बहु, 69हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्ति को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर उतरे, पूर्व सैनिक अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे, बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर विद्युतकर्मी सड़को पर उतरे, बकाये भुगतान की मांग को लेकर गन्ना किसान सड़कों पर उतरे। पुलिस द्वारा जिस तरह आन्दोलनकारियों का बर्बर दमन किया गया वह योगी सरकार की तानाशाही और दमन के लिए जाना जाएगा।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यह वर्ष योगी सरकार की नाकामियों, विफलताओं, भ्रष्टाचार, घोटाला और लोकतंत्र व आम जनता के अधिकारों को कुचलने के रूप में जाना जाएगा।