विपक्ष उपचुनाव प्रचार से नदारद

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उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में सभी सियासी पार्टियां अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को हर पार्टी अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना कर बैठी है. की सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार अंतिम चरण में है. ये उपचुनाव सूबे के 2022 विधानसभा चुनावों का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. सत्तापक्ष और विपक्ष एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए हर सीट पर एक से दो बार रैलियां कर चुके हैं. हालांकि, विपक्षी दलों के दिग्गज चेहरे उपचुनाव प्रचार में अभी तक दूर ही हैं.भारतीय जनता पार्टी के लिए यह उपचुनाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि मौजूदा समय में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के लिए कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, रोजगार, महंगाई और कार्यकर्ताओं की नाराजगी के लिहाज से सबसे चुनौतीपूर्ण समय है.

समाजवादी पार्टी उपचुनाव में छह सीटों पर चुनावी लड़ रही है जबकि एक सीट पर राष्ट्रीय लोकदल को समर्थन कर रही है. जिन सात सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से मल्हानी सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है. इसके बावजूद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभी तक किसी भी सीट पर जाकर प्रचार नहीं किया है. बसपा भी सातों सीट पर उपचुनाव लड़ रही है, पर मायावती किसी भी सीट पर प्रचार के लिए नहीं गई हैं. दूसरी ओर, सूबे में अपनी खोई सियासी जमीन वापस पाने की जद्दोजहद में लगी कांग्रेस ने छह सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, टूंडला सीट पर उसका पर्चा खारिज हो गया है. यूपी में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा खुद प्रियंका गांधी ही हैं. उपचुनाव के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों में भी उनका नाम शामिल था. इसके बावजूद प्रियंका गांधी उपचुनाव की किसी भी सीट पर पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने के लिए नहीं उतरी हैं. 

बीजेपी के प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा उपचुनाव की लड़ाई में हार मान चुकी हैं. इसीलिए अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, मायावती चुनावी प्रचार में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे. 2019 और 2017 चुनाव में इन लोगों ने मिलकर प्रचार कर अपना राजनीतिक हश्र देख लिया है. बीजेपी हर चुनाव को संजीदगी से लेती है, इसलिए पूरी मेहनत के साथ लड़ते हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं वो लंदन ही रहते हैं जबकि प्रियंका गांधी सोशल मीडिया की नेता हैं. वे किस मुंह से वोट मांगेंगे. 

सपा प्रवक्ता निधि यादव ने कहा कि सूबे में योगी अदित्यनाथ के पास कोई काम नहीं है. वो चुनावी रैली के सिवा करते क्या हैं. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मार्ग दर्शन में ही उपचुनाव लड़ा जा रहा है. ऐसे में कौन चुनाव प्रचार में उतर रहा है और कौन नहीं. यह मुद्दा नहीं है बल्कि बीजेपी के संरक्षण में होने वाले अपराधों का जनता जबाव देने का मन बना लिया है. यह उपचुनाव सूबे की दशा और दिशा तय करने वाले हैं, सपा की वापसी होती दिख रही है.

प्रियंका गांधी के उपचुनाव प्रचार में न उतरने के सवाल पर यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रियंका गांधी उपचुनाव की रणनीतिकार हैं और उनके ही दिशा निर्देश में पूरी चुनावी प्रक्रिया चल रही है. प्रियंका गांधी हर रोज सुबह उपचुनाव वाली सभी सीटों पर पार्टी नेताओं और प्रत्याशी के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा कर रही है. ऐसे में वो भले ही रैली न की हों, लेकिन उनकी सक्रियता बनी हुई है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम नेता रैली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए रैलियां कर रहे हैं.