विश्व हृदय दिवस

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रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ दीपक दीवान ने कहा कि हार्ट के 30% मरीजों में किडनी की समस्या होती है।हार्ट और किडनी की बीमारी एक दूसरे से लिंक होती हैं।अनियंत्रित डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर हार्ट और किडनी फेल होने के 2 सबसे बड़े कारण हैं। 1.34 बिलियन आबादी वाले भारत देश में कार्डियोरीनल सिंड्रोम की हाई मोर्टेलिटी और मोर्बिडिटी के बावजूद भी इसके बारे लोगों को कम जानकारी और जागरूकता है।

लखनऊ, विश्व हृदय दिवस (वर्ल्ड हार्ट डे) के मौके पर रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने एक डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया जिसमें डॉ दीपक दीवान,एम डी, डी एम (नेफ्रोलॉजी), रीनल साइंस डायरेक्टर ने दिल और किडनी की बीमारियों का लिंक होने के बारे में बात की। डॉ0 दीपक दीवानने कहा कि हार्ट और किडनी की बीमारी अक्सर एक साथ चलती हैं और जो भी मरीज इनमे से किसी एक से भी पीड़ित होता है वह कार्डियोरीनल सिंड्रोम (सीआरएस) से भी पीड़ित हो सकते है। सीआरएस एक अम्ब्रेला टर्म है- हार्ट और किडनी में डिसऑर्डर होने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है।

कांफ्रेंस का संचालन डॉ अभिषेक श्रीवास्तव, सलाहकार-क्रिटिकल केयर एनेस्थीसिया और एमेरजेंसी मेडिसिन, रीजेंसी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने किया। जिन मरीजों में क्रॉनिक हार्ट फेलियर हो चुका है और उन्हें किडनी की बीमारी भी है, तो ऐसे मरीजों कीमृत्युहोनेका सबसे ज्यादा खतरा होता है। और जिन मरीजों को क्रोनिक किडनीकी बीमारी है अगर उनमे हार्ट की बीमारी होती है तो लगभग ऐसे आधे लोगों में मृत्युका खतरा होता है।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ रीनल साइंस डायरेक्टर, एम डी, डी एम (नेफ्रोलॉजी) डॉ दीपक दीवान ने कहा, ” पूरे शरीर में एक साइड की किडनी का टोटल वेट 0.2 % होता है। किडनी शरीर में 20-22% खून को साफ़ करती है। इसी वजह से किडनी और हार्ट के बीच में काफी सम्बन्ध नज़र आता है।

जब किडनी में समस्या होती है तो यह हार्ट को नुकसान पहुंचाती है और जब हार्ट में समस्याहोती है तो यह किडनी को नुकसान पहुंचाती है। इसे कार्डियोरीनल सिंड्रोम कहते है। किडनी और हार्ट फेल दो तरह से होते है। जिन मरीजों में किडनी की समस्या है उनमे कार्डियोवस्कुलर समस्या की सम्भावना तीन गुना हो जाती है। ठीक इसी तरह जिन में हार्ट की बीमारी होती है उनमे किडनी की बीमारी होने की संभावना 30% होती है।”

दुर्भाग्य से 1.34 बिलियन लोगों की आबादी वाले भारत में कार्डियोरीनल सिंड्रोम के बारे में व्यापक जागरूकता न होने के बावजूद यह लोगों में ज्यादा हो रहा है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से किडनी और हार्ट की बीमारी होती है। अपना ब्लड प्रेशर 130/80 से कम रखें और अगर आपको डायबिटीज है तो अपने ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को कंट्रोल रखें।

यह भी देखा गया है कि किडनी और हार्ट की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं अक्सर एक दूसरे पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप बहुत नपी तुली खुराक लें ताकि आपकी बीमारी अन्य अंग को प्रभावित किए बिना ठीक हो जाए। किडनी की बीमारी और हार्ट की बीमारी के इलाज के लिए हेल्थी लाइफस्टाइल को मेंटेन रखना भी बहुत जरूरी होता है।

डॉ0 दीवान ने आगे कहा, “एक्टिव रहने से आपकी किडनी और आपके हार्ट की रक्षा में मदद मिल सकती है। हफ्ते में लगभग हर दिन 30 मिनट या अधिक समय के लिए योग, एक्सरसाइज या वाक करे। कोई भी आसान एक्टिविटी से शुरू करें और बाद में ऐसी एक्टिविटी जो आपके हार्ट को पंप करें उसे करने की कोशिश करें, तेज एक्टिविटी जैसे- जैसे तेज चलना या तैरना । हमेशा अपनी सेहत के बारे में या किसी नई एक्टिविटी को शुरू करने से पहले अपने हेल्थ प्रोवाइडर से सलाह लें। एक हेल्थी डाईट आपको हार्ट और किडनी की बीमारी से बचाने में मदद कर सकती है। फल ,सब्जियों, असंतृप्त वसा (अनसैचुरेटेड फैट) , अनाज, मछली और कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थ,खाकर अपने हार्ट और गुर्देको स्वस्थ रखें।”