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मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत), मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना तथा धान क्रय केन्द्रों के संचालन की समीक्षा की,सभी जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों की संख्या, स्वीकृत आवेदनों की संख्या एवं स्वीकृत आवेदनों के सापेक्ष ऋण वितरण की संख्या बढ़ाने के निर्देश।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत एक सप्ताह में 05 लाख से अधिक आवेदन पत्रों को स्वीकृत कराकर कम से कम 03 लाख आवेदनों पर ऋण वितरण किया जाना सुनिश्चित करें
जिलाधिकारी डिस्ट्रिक्ट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक कर आवश्यक समन्वय बनाएं,प्रत्येक जनपद और नगर निकाय के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए, बैंकों द्वारा भी प्रत्येक ब्रांच को योजना के तहत लक्ष्य दिए जाएं।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में उपस्थित विभिन्न बैंकों के मुख्य महाप्रबन्धकों और महाप्रबन्धकों से इस कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान किए जाने की अपील,प्रधानमंत्री जी आगामी 27 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करेंगे,अभियान चलाकर आयुष्मान भारत एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए और वितरित किए जाएं,सुनिश्चित किया जाए कि 01 नवम्बर, 2020 को प्रदेश का प्रत्येक गांव आयुष्मान भारत योजना से संतृप्त हो जाए।

जिलाधिकारियों को सभी 4,000 धान क्रय केन्द्रों को हर हाल में संचालित कराने के निर्देश
जिलाधिकारी आवश्यकतानुसार निर्णय लेकर अतिरिक्त क्रय केन्द्रों का संचालन कराएं,
सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीद की जाए, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को एम0एस0पी0 के अनुरूप ही धान का मूल्य प्राप्त हो,मुख्य सचिव प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एवं प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन तथा धान क्रय केन्द्रों की व्यवस्था की नियमित समीक्षा करें।


लखनऊ,
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों की संख्या, स्वीकृत आवेदनों की संख्या एवं स्वीकृत आवेदनों के सापेक्ष ऋण वितरण की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को अभियान चलाकर गोल्डन कार्ड बनाए और वितरित किए जाएं। उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी 4,000 धान क्रय केन्द्रों को हर हाल में संचालित कराने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एवं प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन तथा धान क्रय केन्द्रों की व्यवस्था की नियमित समीक्षा के निर्देश भी दिए।

आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत), मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना तथा धान क्रय केन्द्रों के संचालन की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना के अन्तर्गत प्रदेश में वर्तमान में प्राप्त आवेदनों की संख्या 5.57 लाख, स्वीकृत आवेदनों की संख्या 2.83 लाख है। यह देश में सर्वाधिक है। योजना के अन्तर्गत स्वीकृत आवेदनों के सापेक्ष वितरित ऋण की संख्या 99,000 है, जो देश में दूसरे स्थान पर है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत मिशन मोड में कार्य करते हुए अगले एक सप्ताह में 05 लाख से अधिक आवेदन पत्रों को स्वीकृत कराकर उनके सापेक्ष कम से कम 03 लाख आवेदनों पर ऋण वितरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जिलाधिकारी डिस्ट्रिक्ट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक कर आवश्यक समन्वय बनाएं। उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित विभिन्न बैंकों के मुख्य महाप्रबन्धकों और महाप्रबन्धकों से इस कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान किए जाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद और नगर निकाय के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए। बैंकों द्वारा भी प्रत्येक ब्रांच को योजना के तहत लक्ष्य दिए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में उल्लेखनीय कमी आयी है। यह मामले 68,000 से कम होकर 31,000 हो गए हैं। मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। यह समय पर्व और त्योहार का है। आर्थिक गतिविधियांे में तेजी आ रही है, इसलिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले पटरी दुकानदारों को ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें लाभ पहुंचाया जा सकता है। कोविड-19 के मामले कम हुए हैं, किन्तु जोखिम बना हुआ है। इसलिए निरन्तर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ऐसे में स्ट्रीट वेण्डर्स घर पर रहकर खरीददारी के इच्छुक लोगों के लिए होम डिलीवरी का कार्य कर सकते हैं।

प्रदेश में 651 नगर निकाय हैं। आगामी 27 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि यह संवाद का कार्यक्रम सभी नगर निकायों में आयोजित किया जाए। इसके लिए आवश्यक व्यवस्था अभी से कर ली जाए।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 03 वर्षों में भारत सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं में सम्मानजनक स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में भी राज्य द्वारा अग्रणी स्थान प्राप्त किया जाए, इसके लिए प्रभावी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के गोल्डन कार्ड बनाए और वितरित किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि 01 नवम्बर, 2020 को प्रदेश का प्रत्येक गांव प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) से संतृप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। जिलाधिकारी द्वारा जनपद स्तर पर योजना के क्रियान्वयन की साप्ताहिक समीक्षा भी की जाए। पात्र लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्गत गोल्डन कार्ड की संख्या के अनुपात में उपचारित लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कार्य किया जाए।

धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, किसान को परेशानी होने पर अथवा आर्थिक कदाचार की शिकायत प्राप्त होने पर जिलाधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

धान क्रय केन्द्रों के संचालन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में प्रस्तावित सभी 4,000 धान क्रय केन्द्रों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी आवश्यकतानुसार निर्णय लेकर अतिरिक्त क्रय केन्द्रों का संचालन कराएं तथा इस सम्बन्ध में शासन को भी अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीद की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुरूप ही धान का मूल्य प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई समस्या पेश नहीं आनी चाहिए। किसान को परेशानी होने पर अथवा आर्थिक कदाचार की शिकायत प्राप्त होने पर जिलाधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जनपद पीलीभीत में धान क्रय केन्द्रों के संचालन की व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनपद पीलीभीत की भांति सभी जनपदों को रुचि लेकर किसानों को धान क्रय के लिए अच्छी से अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को धान क्रय के 72 घण्टे के अन्दर भुगतान भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त प्रतिदिन अपने मण्डल से सम्बन्धित जनपदों में धान क्रय की स्थिति की समीक्षा कर समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करें। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।