अजय सिंह
बाराबंकी। भाजपा के नेता पूर्व विधायक राम नरेश रावत का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया शनिवार की रात करीब 3:00 बजे निधन हो गया। उनके पुत्र अरुण रावत व पत्नी सरोज रावत शव को लेकर बाराबंकी आ रहे हैं। दोपहर 12:00 बजे तक विकास भवन के निकट स्थित पहुंचेंगे। रामनरेश जी के भांजे जगतजीत सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार पारिजात स्थल सफदरगंज में किया जाएगा। राम नरेश रावत जी भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बहुत ही नजदीकी रहे।
वर्ष 2007 में विधान परिषद सदस्य बने। वर्ष 2017 में रायबरेली की बछरावां विधानसभा से विधायक चुने गए। इनके कुछ काम ऐसे हैं जो लोगों को अचरज में डाल दे रहे हैं। जैसे कि पितृपक्ष में जहां लोग मृत पूर्वजों की श्राद्ध करते हैं वही रामनरेश ने जीवित माता-पिता के पूजन का कार्यक्रम पारिजात स्थल सफदरगंज आयोजित कराना शुरू कर आया था। यह उनका बहुत ही अनोखा एवं प्रेरणादायक कार्यक्रम रहा।
रामनरेश जी ने छुआछूत के खिलाफ भी आंदोलन चलाया। एक बार सहभोज आयोजित करने के चलते इनका हुक्का पानी भी बंद कर दिया गया था। रामनरेश जी ने अपने जीवन में काफी लोकप्रियता हासिल की। सफदरगंज में पारिजात स्थल की स्थापना 200 से ज्यादा युवाओं के साथ की थी जहां शिक्षा देने के साथ ही सामाजिक सरोकार से संबंधित कार्य किए जाते हैं।
इनका पैतृक गांव फतेहपुर ब्लाक के दौलतपुर में है। इसीलिए बाराबंकी में दौलतपुर हाउस के नाम से आलीशान मकान बनवाया। इनका पार्थिव शरीर दौलत पुर में भी अंतिम दर्शन के लिए ले जाया जाएगा उसके बाद सफदरजंग पारिजात स्थल पर अंतिम संंस्कार होगा।