राजेन्द्र चौधरी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता विपक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के सभी विधानसभा और विधानपरिषद सदस्य बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं के शोषण, कानून व्यवस्था की बदहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र की दुर्व्यवस्था, बिजली संकट, नौजवानों के साथ हो रहे अन्याय, किसानों की समस्याओं और समाजवादी पार्टी नेताओं पर लगाए जा रहे फर्जी मुकदमों को लेकर विधानसभा सत्र की कार्यवाही में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए निकले। पुलिस के रोके जाने पर समाजवादी पार्टी के सभी विधायक अखिलेश यादव के नेतृत्व में सड़क पर बैठ गए।अखिलेश यादव ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। सदन की कार्यवाही में शामिल होना विधायकों का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि सरकार भारी फोर्स लगाकर विधायकों को कार्यवाही में शामिल न होने दें। भाजपा सरकार इससे साबित कर रही है कि वह जनाक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है। सत्ता जितनी कमजोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है।


अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार क्यों विपक्ष का सामना नहीं कर पा रही है? उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर असफल हुई है। लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी इसी तरह सदन और सड़क का रास्ता अपनाएगी।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों से महंगाई इतनी बढ़ गयी है कि कल्पना नहीं की जा सकती है। जनता महंगाई से पिस रही है। दूध, दही, घी, तेल तक पर सरकार ने जीएसटी लगा दिया है। खाने, पीने की चीजों के दाम बहुत बढ़ गए हैं। महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है।

सपा प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधानसभा, विधानपरिषद के सत्र की कार्यवाही में शामिल होने जा रहे विधानसभा और विधानपरिषद सदस्यों को पुलिस ने भाजपा सरकार के इशारे पर आज अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया अपनाते हुए विक्रमादित्य मार्ग पर रोक दिया समाजवादी पार्टी के विधायकों को विधान भवन तक सत्र में भाग लेने नहीं जाने दिया गया। यहां पुलिस ने भारी बेरीकेडिंग लगा दी थी। पुलिस के रोके जाने पर अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के सभी विधायक सड़क पर ही बैठ गए।सड़क पर सदन की कार्यवाही की शुरूआत अखिलेश यादव द्वारा वंदे मातरम गीत के गायन के साथ हुई, जिसे सभी विधायकों ने दुहराया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने स्पीकर की भूमिका निभाई। इसी कार्रवाई के दौरान विधायक अरविन्द गिरि के निधन पर शोक प्रस्ताव रखकर विधायकों ने दो मिनट का मौन रखा।इसके बाद विधानसभा की कार्रवाई खत्म हो गई। फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधायकों के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंच कर विधायकों की बैठक कर भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये की निंदा की।


भाजपा ने जनता को झूठे सपने दिखाए। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ी हैं। रोजगार नहीं दिये जा रहे हैं। नौजवानों के पास नौकरी, रोजगार नहीं है। सरकार रोजगार बढ़ाने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है। दलितों, पिछड़ों को संविधान में दिए गए अधिकार भाजपा सरकार छीन रही है।भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बर्बाद कर दिया है। राजधानी के बड़े-बड़े अस्पतालों समेत जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी में गरीबों को दवाई, इलाज नहीं मिल रहा है। मरीजों की लम्बी-लम्बी लाईनें लगती हैं। जानवरों में बीमारी फैली है। गाय, भैंसों की बड़े पैमाने पर जान जा रही है। किसानों का नुकसान हो रहा है। सरकार ने बीमारी की रोकथाम का कोई उपाय नहीं किया है।


प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद है। अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार हर विभाग को बेच रही है। रेलवे बिक गया, हवाई अड्डे, हवाई जहाज बिक गया, सरकार बड़े पैमाने पर निजीकरण कर नौकरी रोजगार खत्म कर रही है। उससे नौजवान संतुष्ट नहीं है। जो नौजवान इसके विरोध में निकले उन पर झूठे मुकदमें लगा दिए गए।
भाजपा सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया। किसानों के गन्ना की बकाया कीमत चीनी मिलों द्वारा नहीं दी जा रही है। बिजली महंगी हो गयी है। बिजली के तार-जर्जर है। कई जगह लोगों की जाने चली गयी। सूखा और बाढ़ से हुए नुकसान पर सरकार ने कोई राहत नहीं पहुंचाकर किसान विरोधी आचरण का परिचय दिया है।


अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के विधायक विधानसभा में जाकर जनहित के सवालों को उठाना चाहते थे परन्तु भाजपा सरकार ने उन्हें सड़क पर ही क्यों रोक दिया है? आज जब हम लोग पैदल विधानसभा में जाना चाहते हैं, तब भी रोका गया। हमारे विधायकों और पूर्व मंत्रियों को जो कि कई-कई बार के विधायक हैं, पूर्व स्पीकर हैं, उन्हें भी सदन में नहीं जाने दिया जा रहा है। लोकतंत्र में यह बहुत ही निन्दनीय है। हम जनता की आवाज सदन से सड़क तक उठायेंगे। जनता 2024 में दमनकारी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित है।