उत्तर प्रदेश में डेंगू और बुखार से हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग पीड़ित हैं। अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं। फिरोजाबाद में डेंगू बुखार से एक और बच्चे की मौत हो गई। जिले में अब मौत का आंकड़ा 51 हो गया है। जिला प्रशासन की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि अपने आसपास पानी ना जमा होने दें। उधर, सीतापुर और प्रयागराज में भी वायरल बुखार के मामले बढ़ रहे हैं।
डेंगू बुखार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सैकड़ों मासूमों की जान ली। अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी इसका प्रकोप दिखाई दे रहा है। खुद राजधानी लखनऊ के अस्पतालों से मरीजों की भीड़ सम्हाले नहीं सम्हल रही है। हालत बिगड़ने की वजह से दवाइयांे तक का स्टाक कम हो गया है। गम्भीर बीमार भी अस्पतालों से वापस किए जा रहे हैं। बेड न होने के बहाने से उनका प्राथमिक उपचार भी नहीं किया जा रहा है।
फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, कानपुर, फर्रुखाबाद सहित कई जनपदों में मातम पसरा हुआ है। बच्चों को खो चुकी माताओं की चीखें विज्ञापनों के हवाई दावों से परे वह हकीकत है जिसने सैकड़ों घरों को आंसुओं के समंदर में डुबो दिया है। मथुरा में एक बीमार बच्चे का पिता अधिकारी के पैरों में गिरकर इलाज कराने की गुहार लगा रहा है। एक दिव्यांग महिला अपने दुधमुंहे बच्चे को गोदी में लिए इलाज के लिए गुहार लगा रही है जिसे अस्पताल वालों ने इलाज के बजाय बाहर खदेड़ दिया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में डेंगू, वायरल बुखार से हाहाकार मचा हुआ है, अस्पतालों में भारी भीड़ है, समय से समुचित इलाज न मिलने से बच्चों की मौंते हो रही है, सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी इसके बावजूद ‘आल इज वेल‘ का झूठा दावा कर रहे हैं। ध्वस्त स्वास्थ्य सेवाओं की ओर भाजपा सरकार का ध्यान नहीं है।
भाजपा सरकार में संवेदना छू भी नहीं गई है। बुलंदशहर के जिला अस्पताल में छत टपक रही है। राजधानी के अस्पताल में सीलन दूर नहीं हो पाई है। सीतापुर में समाजवादी सरकार के समय करोड़ों रूपयों से ट्रामा सेंटर बने 5 साल बीतने को है, अभी तक चालू नहीं किया गया है।कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश में लाशों का खेल होता रहा। मुख्यमंत्री जी दावा करते रहे कि तीसरी लहर आने से पहले ही सब तैयारियां कर ली गई है। वार्डों में बेड बढ़ गए है, दवांए पर्याप्त हैं परन्तु डेंगू के पहले दौर में ही स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम यह है कि गरीब आदमी न जी पा रहा है, ना मर पा रहा है। इलाज उसके लिए चांद सितारों को तोड़कर लाने जैसा हो गया है।
भाजपा सरकार में संवेदना नाम की कोई चीज नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश में लाशों का खेल होता रहा। मुख्यमंत्री दावा करते रहे कि तीसरी लहर आने से पहले ही सब तैयारियां कर ली गई है। वार्डों में बेड बढ़ गए है, दवाएं पर्याप्त हैं, लेकिन डेंगू के पहले दौर में ही स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम यह है कि गरीब आदमी न जी पा रहा है, न मर पा रहा है। भाजपा जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जितनी उपेक्षा दिखा रही है उससे भाजपा के खिलाफ व्यापक जनरोष की लहर चल रही है। भाजपा की दमनकारी, दंभी सत्ता अब कभी वापस नहीं आएगी। सभी सन् 2022 में समाजवादी सरकार बनने के बारे में विश्वस्त है।
सीतापुर में भी वायरल और डेंगू का प्रकोप देखने को मिल रहा है। बसेती गांव के लोग रहस्यमयी बुखार से दहशत में हैं। गांव में ज्यादातर लोग बुखार की चपेट में है। इनमें सभी उम्र के लोग शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक माह में अब तक करीब 50 से अधिक लोगों की मौते हो चुकी हैं। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि यह आंकड़ा 15 से 20 का है। सीएचसी अधीक्षक एलिया डॉ. मनीष गुप्ता ने बताया कि गांव में कैंप कराया जा चुका है। दवाइयां भी गांव में बंटवाई जा चुकी है। डॉक्टर मनीष का कहना है कि यह मलेरिया के लक्षण हैं और डॉक्टरों की टीम निगरानी रख रही है। गांव में जल्द ही टीमें भेजेंगे और कैंप लगाकर दवाओं का वितरण किया जाएगा।
भाजपा जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जितनी उपेक्षा दिखा रही है उससे भाजपा के खिलाफ व्यापक जनरोष की लहर चल रही है। भाजपा की दमनकारी, दम्भी सत्ता अब कभी वापस नहीं आएगी। सभी सन् 2022 में समाजवादी सरकार बनने के बारे में विश्वस्त है।