मोटरयान कराधान अधिनियम की धारा-10 में संशोधन

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….. योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय ….


उ0प्र0 मोटरयान कराधान अधिनियम, 1997 की धारा-10 की उपधारा (3) में संशोधन के सम्बन्ध में


मंत्रिपरिषद ने जनहित में उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्यों के मध्य हुए करार के अन्तर्गत दोनों प्रदेशों के वाहनों के एक दूसरे के राज्य में निर्बाध आवागमन हेतु जनपद चित्रकूट में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित कुछ क्षेत्रों को फ्री-जोन घोषित करने के लिए वाहनों को कर से छूट दिए जाने के लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1997 की धारा-10 की उपधारा (3) के द्वितीय परन्तुक के पश्चात अध्यादेश द्वारा परन्तुक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया है। 


इस निर्णय के अनुसार ‘परन्तु यह भी कि जहां यान-संचालन, अनन्य रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य के मध्य पारस्परिक करार में घोषित मुक्त परिक्षेत्र में अनुज्ञात हो, जिसमें कर छूट भी अनुज्ञात हो, वहां इस धारा के अधीन संदेय कर, चित्रकूट स्थानीय क्षेत्र में उक्त करार के अनुसार पूर्णतः या आंशिक रूप से छूट प्राप्त होगी।’वर्तमान में विधान मण्डल सत्र के अवसान होने के दृष्टिगत नियमानुसार विधेयक प्रस्तुत होने तक अध्यादेश के माध्यम से अधिनियम में संशोधन का निर्णय लिया गया है। 


उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्य सरकारों के मध्य सम्पन्न पारस्परिक करार दिनांक 21 नवम्बर, 2006 के अनुच्छेद-6 में मुक्त जोन का प्राविधान है, जिसके अनुसार यदि मुक्त जोन उत्तर प्रदेश में आता है तो उत्तर प्रदेश के मोटर यान कर, अतिरिक्त कर तथा टोल्स (पथकर) के संदाय से तथा यदि मुक्त जोन मध्य प्रदेश राज्य क्षेत्र में आता है तो मध्य प्रदेश के मोटर यान कर और टोल्स (पथकर) के संदाय से अन्य राज्य में छूट प्राप्त होगी। इस निर्णय से जन सामान्य को आवागमन के लिए कर देय नहीं होने से उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

जन सामान्य को दोनों राज्यों में स्थित पर्यटन स्थलों में आवागमन में कोई व्यवधान नहीं होगा और इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, उस क्षेत्र में स्थानीय निवासियों को नवीन रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उत्तर प्रदेश में स्थित जनपद चित्रकूट की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है कि जिसमें कुछ दूरी उत्तर प्रदेश, पुनः मध्य प्रदेश और फिर उत्तर प्रदेश की सीमा में पड़ती है। उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की वाहनों का आवागमन जनपद चित्रकूट में अधिकतर होता है। चूंकि जनपद चित्रकूट एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। अतः जनपद चित्रकूट में धार्मिक आस्था वाले यात्रियों का आवागमन अत्यधिक संख्या में होने के कारण वाहनों का आवागमन अधिक होता है।