अरुण गोयल का चुनाव आयोग से इस्तीफ़ा

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अरुण गोयल का चुनाव आयोग से इस्तीफ़ा
अरुण गोयल का चुनाव आयोग से इस्तीफ़ा

निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है. अब पूरी चुनावी व्यवस्था का जिम्मा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार पर आ गया है. अरुण गोयल के इस्तीफे की असल वजह अभी सामने नहीं आई है निर्वाचन आयोग में 7 और 8 मार्च को ऐसा क्या हुआ कि उसी दिन निर्वाचन आयोग में इकलौते निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया? कुछ बहुत गंभीर बात हुई है जिसकी वजह से अपनी चार साल की सेवा को अरुण गोयल ने ठोकर मार दी. अगले चार साल में दो साल से ज्यादा गोयल  मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर रहते. अरुण गोयल का चुनाव आयोग से इस्तीफ़ा

 पंजाब काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनका इस्तीफ़ा ऐसे वक्त हुआ है जब देश में लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और उनके कार्यकाल के ख़त्म होने में अभी तीन साल बाक़ी हैं.एक रिपोर्ट के अनुसार अरुण गोयल के इस्तीफ़े ने जितना चौंकाया उतना ही नवंबर 2022 में अचानक हुई उनकी नियुक्ति ने भी चौंकाया था. उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी.बतौर आईएएस अधिकारी 37 साल तक काम करने के बाद अरुण गोयल 31 दिसंबर 2022 को रिटायर होने वाले थे. लेकिन इससे महीनाभर पहले 18 नवंबर 2022 को उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेन्ट ले लिया.इसके एक दिन बाद 19 नवंबर 2022 को राष्ट्रपति ने उन्हें चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त कर दिया. 15 मई 2022 से खाली पड़े इस पद पर नियुक्ति के दो दिन बाद अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को कार्यभार संभाल लिया.2022 में जिस वक्त अरुण गोयल की नियुक्ति हुई उस वक्त सुप्रीम कोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था.

जिस दिन चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी प्रकाशित करेगा उसी दिन दो-दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की कमेटी विचार कर रही होगी जिसमें सरकार का ही बहुमत है। एक तरह प्रधानमंत्री ही चुनेंगे कि चुनाव आयुक्त कौन होगा। ठीक लोक सभा के चुनाव से पहले अरुण गोयल का चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा देना, बंगाल के दौरे के बाद देना, बंगाल के चुनाव और चुनाव आयोग के संबंधों को भी रौशनी में लाता है। इस राज्य में चुनाव आयोग को जिस राजनीतिक संदेह से देखा जाता है और क्यों देखा जाता है नए आयुक्तों की नियुक्ति पर सबकी नज़र होगी, क्या वही बनेगा जो पहले से संपर्क में होगा, क्या बाद में भी संपर्क में होगा? क्या सत्तादल का संपर्कवाद संविधानवाद पर हावी होग। विपक्ष में परिवारवाद और सत्ता का संपर्कवाद। आप देख नहीं पा रहे हैं लेकिन आपकी नाक के नीचे संस्थाओं के घाव का मवाद सड़कों पर बहने लगा है।

लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा हुआ है. राष्ट्रपति ने भी इस्तीफे को मंजूर कर लिया है. हालांकि पद छोड़ने की वजह साफ नहीं है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अरुण गोयल पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. इसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है, आने वाले दिनों में वह एक राजनीतिक दल के प्रत्याशी होंगे.मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अकेले भी लोकसभा चुनाव की घोषणा करने में सक्षम हैं. कोई कानूनी या संवैधानिक अड़चन नहीं है. संविधान का अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग के एकल सदस्य के प्रदर्शन यानी कार्य करने की अनुमति देता है.  अरुण गोयल का चुनाव आयोग से इस्तीफ़ा