समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की कथनी करनी में भारी अंतर है। वह दोगली नीतियों पर चलती है। कालाधन खात्मे के नाम पर उसने नोटबंदी के समय सभी को लाइन में लगा दिया और फिर विशेषज्ञों की चेतावनी की उपेक्षा कर कोरोना की दूसरी लहर में तड़प-तड़प कर हजारों मौतें हो गई। विकास का झूठा सपना दिखाया जिसकी अब पोल खुल चुकी है। जनता भाजपा से निजात पाने के लिए और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा आंकड़ों की बाजीगरी से लोगों के बहकाने और इस तरह अपना मुंह छुपाने की असफल कोशिश कर रही है। यह कैसे सम्भव हो सकता है कि 31 मार्च 2021 तक के कोरोना काल के 9 महीनों में उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में नगर निगमों ने 4591 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जबकि सरकारी आंकड़ों में 243 मौतें दिखाई गई हैं?
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का भी खूब प्रचार किया गया पर हकीकत में उसका निर्माण कार्य बीरबल की खिचड़ी की तरह चल रहा है। पता नहीं वह कब बनकर तैयार होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सड़क पर उकरौरा गांव के पास बड़ा गड्ढा बन गया। पहली बारिश में ही बिना कोई गाड़ी चले गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ में 50 से अधिक जगहों पर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे टूट गया। घटिया गुणवत्ता से निर्माण कार्य का यह नमूना है।यह वही समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है जिसकी शुरुआत समाजवादी सरकार में हो चुकी थी जबकि समाजवादी सरकार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 325 किलोमीटर लम्बा दो वर्ष में ही बना था।
अपनी कुनीतियों से भाजपा ने विकास की राजनीति को मटियामेट कर दिया है। उसकी विध्वंस की राजनीति से लोकतांत्रिक व्यवस्था के सामने प्रश्नचिह्न लगा है। उसका कथित सांस्कृतिक राष्ट्रवाद गुमराह करने का पुराना हथकंडा है।
वस्तुतः भाजपा ने प्रदेश में गत साढ़े चार साल में कुछ काम नहीं किया। उसके पास गिनाने को एक भी काम नहीं है। भाजपा ने बस समाज को बांटने वाली राजनीति को ही अपनाया है और उसे ही बढ़ावा दिया है। वह नफरत फैलाती है जबकि समाजवादी पार्टी सद्भाव और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। समाजवादी पार्टी की सरकार में नफरत के लिए कोई स्थान नहीं है।