Friday, May 10, 2024
Advertisement

मनोरंजन

एक ऐसी क्रिया है जिसमें सम्मिलित होने वाले को आनन्द आता है एवं मन शान्त होता हैं। सीधे भाग लेकर हो सकता है या कुछ लोगों को कुछ करते हुए देखने से हो सकता है। मनोरंजन का लक्ष्य है अच्छी और उच्चकोटि की नागरिकता उत्पन्न करना और उस व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना इसका उद्देश्य है। इसके साथ ही इसमें अच्छी आदतें विकसित करना और उसको चरित्र वाले गुणों से विकसित करना उसके उद्देश्य हैं। एक व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना आवश्यक उद्देश्य है ।

मनोरंजन का अर्थ है ‘मन को खुश रखना’, जब आप किसी काम को पूरा कर थक जाते हो तब आपको मनोरंजन ही ताजगी से भर देता है। मनोरंजन जीवन में महत्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना आपके जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना। कोई अपनों से दूर रहता है।

फ्रांसीसी शब्द एंट्रेटेनिर से बना है जिसका अर्थ है एक साथ पकड़ना या सहारा देना । यह आतिथ्य सत्कार से जुड़ा था। वहां से इसका मतलब मनोरंजन या ध्यान भटकाना हो गया। इसमें पाया गया कि मनोरंजन गतिविधियों के लिए संगीत सुनना और टेलीविजन देखना 13 साल से ऊपर की सामान्य आबादी के बीच सबसे अधिक पहुंच के साथ पहले स्थान पर है।

एक ऐसी प्रक्रिया को कह सकते हैं जिसके द्वारा हमें मानसिक शांति मिलती है, आनंद की प्राप्ति होती है और हम ऊर्जावान महसूस करते हैं। कोई आधुनिक जीवन से जुड़ी चीज़ नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही मनुष्य मनोरंजन करता आ रहा है।

घोंघाबसन्त सम्मेलन
घोंघाबसन्त सम्मेलन
viral-देवरन प दया करा
viral-देवरन प दया करा

Breaking News

रुद्राभिषेक कर योगी ने सुख-समृद्धि की कामना

रुद्राभिषेक कर योगी ने सुख-समृद्धि की कामना

0
रुद्राभिषेक कर योगी ने सुख-समृद्धि की कामना
प्रधानमंत्री लाइट हाउस प्रोजेक्ट सपनों से खिलवाड़

प्रधानमंत्री लाइट हाउस प्रोजेक्ट सपनों से खिलवाड़

0
प्रधानमंत्री लाइट हाउस प्रोजेक्ट सपनों से खिलवाड़
भाजपा के अन्याय का जवाब है कांग्रेस का न्याय पत्र-प्रियंका गांधी

भाजपा के अन्याय का जवाब है कांग्रेस का न्याय पत्र-प्रियंका गांधी

0
भाजपा के अन्याय का जवाब है कांग्रेस का न्याय पत्र-प्रियंका गांधी
पीएनबी का मुनाफा बढ़ा

पीएनबी का मुनाफा बढ़ा

0
पीएनबी का मुनाफा बढ़ा
मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान-भूपेन्द्र चौधरी

मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान-भूपेन्द्र चौधरी

0
मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान-भूपेन्द्र चौधरी