वैलेन्टाइन दिवस को ‘पारिवारिक एकता दिवस’ के रूप में मनायें..!

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आप अपने कुशल मार्गदर्शन में प्रकाशित समाचार पत्र एवं पत्रिका में समय-समय पर मेरे शिक्षा एवं अध्यात्म विषय पर लिखे गये लेखों को प्रकाशित करके हमारा अत्यधिक उत्साहवर्द्धन करते रहते हैं,इस कृपा के लिए हम आपके अत्यन्त आभारी हैं। 

संसार को ‘परिवार बसाने’ एवं ‘पारिवारिक एकता’ का संदेश देने वाले महान संत वैलेन्टाइन के ‘मृत्यु दिवस’14 फरवरी को आज जिस ‘आधुनिक स्वरूप’ में भारतीय समाज में स्वागत किया जा रहा है, उससे हमारी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता प्रभावित हो रही है।

संत वैलेन्टाइन के प्रति सच्ची श्रद्धा यही होगी कि हम 14 फरवरी ‘वैलेन्टाइन डे’ को पवित्र भावना से पारिवारिक एकता दिवसके रूप में मनायें और संसार के सभी बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को यह संदेश भेजें कि सभी लोग एक-दूसरे से विश्व कुटुम्ब की तरह समान रूप से प्रेम करें, आदर करें।

 संत वैलेन्टाइन की मृत्यु के बाद लोगों ने उनके त्याग एवं बलिदान को महसूस करते हुए प्रतिवर्ष 14 फरवरी को उनके ‘शहीद दिवस’ पर उनकी दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थनायें आयोजित करना प्रारम्भ कर दिया।

 इसलिए ऐसे महान संत के ‘शहीद दिवस’ पर खुशियां मनाकर उनकी भावनाओं का निरादर करना सही नहीं है।‘वैलेन्टाइन डे’ के आधुनिक स्वरूप का भारतीय समाज एवं छात्रों में किसी प्रकार का स्वागत नहीं होना चाहिए। 

इस पत्र के साथ मैं अपना एक लेख संत वैलेन्टाइन को सच्ची श्रद्धाजंली देने के लिए 14 फरवरी को वैलेन्टाइन दिवस’ को ‘पारिवारिक एकता दिवस के रूप में मनायें! प्रेषित कर रहा हूँ।