मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल हेतु बाल सेवा योजना की घोषणा

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  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चोंकी देखभाल हेतु ‘उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की घोषणा की।  
  • राज्य सरकार इन बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा-दीक्षा हेतुवित्तीय सहायता प्रदान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध।  
  • प्रदेश सरकार अनाथ हुए बच्चों की देखभाल हेतु ‘उ0प्र0 मुख्यमंत्रीबाल सेवा योजना’ के तहत उनके अभिभावक अथवा केयर टेकर को4000 रु0 प्रतिमाह प्रति बच्चे की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।  
  • 10 वर्ष से कम आयु के ऐसे सभी बच्चे जिनके गार्जियन/एक्सटेण्डेडफैमिली नहीं हैं, को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायतासे अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) मेंआवासित किया जाएगा तथा उनकी देखभाल की जाएगी।  
  • अवयस्क बच्चियों की देखभाल एवं उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए उन्हें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) अथवा 13 राजकीय बाल गृह (बालिका) अथवा प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी।  
  • प्रदेश सरकार ऐसी सभी अनाथ बालिकाओं के विवाह हेतु01 लाख 01 हजार रु0 की राशि उपलब्ध कराएगी।  
  • स्कूल अथवा काॅलेज में पढ़ने वाले अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहेऐसे सभी अनाथ बच्चों को निःशुल्क टैबलेट/लैपटाॅप की सुविधा उपलब्ध कराएगी।  

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल हेतु आज ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की घोषणा की है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी। राज्य सरकार इन बच्चों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ने में मदद करने के साथ ही इनकी सुरक्षा एवं इनके भविष्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने दोनों माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे तो उन्हें, अथवा यदि दोनों माता-पिता नहीं हैं तो लीगल गार्जियन को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हों, को इस योजना में शामिल किया जाएगा। इस योजना में ऐसे बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो। राज्य सरकार इन बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा-दीक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ हुए बच्चों की देखभाल हेतु प्रदेश सरकार ‘उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत उनके अभिभावक/केयर टेकर को 4000 रुपए प्रतिमाह प्रति बच्चे की दर से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। 10 वर्ष से कम आयु के ऐसे सभी बच्चे जिनके गार्जियन/एक्सटेण्डेड फैमिली नहीं हैं, को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में आवासित किया जाएगा तथा उनकी देखभाल की जाएगी। प्रदेश में वर्तमान में 0 से 10 वर्ष की आयु हेतु 05 जनपद-मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित किए जा रहे हैं।

  मुख्यमंत्री ने कहा कि अवयस्क बच्चियों की देखभाल एवं उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित 13 राजकीय बाल गृह (बालिका) अथवा स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी सभी अनाथ बालिकाओं के विवाह हेतु प्रदेश सरकार 01 लाख 01 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराएगी। साथ ही, स्कूल अथवा काॅलेज में पढ़ने वाले अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी अनाथ बच्चों को निःशुल्क टैबलेट/लैपटाॅप की सुविधा उपलब्ध कराएगी।