निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण करें-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में गोरखपुर मण्डल के विकास कार्याें, कानून-व्यवस्था एवं 10 करोड़ रु0 से अधिक की परियोजनाओं की प्रगति की जनपदवार समीक्षा की।निर्माण कार्यों को गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के निर्देश।निर्माण कार्याें को समयबद्धता के साथ पूरा करने से रिवाइज स्टीमेट कीस्थिति नहीं आयेगी और अनावश्यक व्यय भार नहीं बढे़गा। निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण न किये जाने पर सम्बन्धित की जबावदेही तय की जाएगी।प्रत्येक परियोजना हेतु एक नोडल अधिकारी अवश्य नामित किया जाए।बाढ़ नियंत्रण से सम्बंधित सभी तैयारियां समय से पूर्व ही पूर्ण कर ली जाएं,संवेदनशील बंधों की मरम्मत का कार्य बरसात से पूर्व करा लिया जाए।महानगर में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए नालों की साफ-सफाई आदि कार्याें को समय से कराया जाए तथा कार्यों की नियमित मॉनीटरिंग भी की जाए।जनप्रतिनिधियों से बेहतर संवाद स्थापित किया जाए,माह में कम से कम एक बार उनके साथ बैठक की जाए।अधिकारीगण जनता के प्रति संवेदनशील होकर उनकी समस्या कासमाधान करें, समस्या के निराकरण के सम्बन्ध में आवेदक सेदूरभाष के माध्यम से फीडबैक भी प्राप्त करें।सभी अधिकारी समय से कार्यालयों में उपस्थित रहकर जन समस्याओंका निस्तारण करें, जनसमस्याओं का एक रजिस्टर भी बनाया जाए,जिसमें समस्या निस्तारण की स्थिति अंकित की जाए।


गोरखपुर। आज जनपद गोरखपुर में आयुक्त सभागार में आयोजित बैठक में गोरखपुर मण्डल के विकास कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने मण्डल के विकास कार्यक्रमों, कानून-व्यवस्था एवं 10 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की प्रगति की जनपदवार विस्तृत समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जनपद गोरखपुर के गायत्रीनगर की 02 लाभार्थियों-श्रीमती कलावती देवी को पुत्र की विद्युत दुर्घटना में, एवं श्रीमती उर्मिला देवी को उनके पति के असामयिक निधन पर, मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्यांे को गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्याें को समयबद्धता के साथ पूरा करने से रिवाइज स्टीमेट की स्थिति नहीं आयेगी और अनावश्यक व्यय भार नहीं बढे़गा। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यांे को समय से पूर्ण न किये जाने पर सम्बन्धित की जबावदेही तय की जाएगी।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक परियोजना हेतु एक नोडल अधिकारी अवश्य नामित किया जाए। बाढ़ नियंत्रण से सम्बंधित सभी तैयारियां समय से पूर्व ही पूर्ण कर ली जाएं। संवेदनशील बंधों की मरम्मत का कार्य बरसात से पूर्व करा लिया जाए। महानगर में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए नालों की साफ-सफाई आदि कार्याें को समय से कराया जाए तथा कार्यों की नियमित मॉनीटरिंग भी की जाए।


स्ट्रीट वेन्डरों का व्यवस्थित पुनर्वासन किया जाए।सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही, जल निकासी हेतुडेªनेज तथा अण्डरग्राउण्ड केबिलिंग की व्यवस्था की जाए।वनटांगिया गांव, मुसहर बस्ती में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएं।अपराधियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए।पुलिस थानों पर आने वाले लोगों के लिए बैठने, पेयजल आदि कीव्यवस्था हो, शिकायतों की सुनवाई संवेदनशीलता के साथ की जाए।सप्ताह में एक दिन शहीद स्थलों/पर्यटन स्थलों परपुलिस बैण्ड द्वारा देश भक्ति की धुन बजायी जाए।मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर के गायत्रीनगर की 02 लाभार्थियों-श्रीमती कलावती देवी को पुत्र की विद्युत दुर्घटना में एवं श्रीमती उर्मिला देवी को उनके पति के असामयिक निधन पर, मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो-दो लाख रु0 की आर्थिक सहायता प्रदान की।


यह सुनिश्चित किया जाए कि जनप्रतिनिधिगण के फोन प्रॉपर अटेंड हों तथा प्रॉपर रिस्पाँस दिया जाए। जनता के विश्वास पर खरा उतरना हम सभी का दायित्व है। अधिकारीगण जनता के प्रति संवेदनशील होकर उनकी समस्या का समाधान करें। सभी को न्याय पाने का अधिकार है। इसलिए जनसमस्याओं का निस्तारण मेरिट के आधार पर किया जाए। समस्या के निराकरण के सम्बन्ध में आवेदक से दूरभाष के माध्यम से फीडबैक भी प्राप्त करें। अन्तर्विभागीय समन्वय में बड़ी ताकत होती है। इंसेफेलाइटिस की समस्या को नियंत्रित करने में अन्तर्विभागीय समन्वय का बड़ा योगदान है। मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन हेतु अन्तर्विभागीय संयुक्त टीम साप्ताहिक कार्यक्रम बनाते हुए ग्राम पंचायतों में चौपाल लगाकर समस्याओं का संवेदनशीलता से निस्तारण करे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी समय से कार्यालयों में उपस्थित रहकर जन समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित करंे। जनसमस्याओं का एक रजिस्टर भी बनाया जाए, उसमें समस्या निस्तारण की स्थिति अंकित की जाए। अधिकारीगण अपने तैनाती स्थल पर ही रात्रि विश्राम करें।


मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट एवं कमिश्नरी को इंटीग्रेटेड ऑफिस बनाने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि गोरखपुर मण्डल में पर्यटन की अनेक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट गांव बनाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। स्ट्रीट वेन्डरों का व्यवस्थित पुनर्वासन किया जाए। सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही, जल निकासी हेतु डेªनेज तथा अण्डरग्राउण्ड केबिलिंग की व्यवस्था की जाए। वनटांगिया गांव, मुसहर बस्ती में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएं।कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराधियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए। पुलिस थानों पर आने वाले लोगों के लिए बैठने, पेयजल आदि की व्यवस्था हो। शिकायतों की सुनवाई संवेदनशीलता के साथ की जाए। पुलिस थानों पर अनावश्यक पडे़ सामानों का नियमानुसार निस्तारण भी कराया जाए। पुलिस पेट्रोलिंग को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जाए। सप्ताह में एक दिन शहीद स्थलों/पर्यटन स्थलों पर पुलिस बैण्ड द्वारा देश भक्ति की धुन बजायी जाए।बैठक के दौरान मण्डल के सभी जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपद के विकास कार्यक्रमों की प्रगति तथा पुलिस अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।