मुख्यमंत्री जी बतायें किस उद्यमी ने कहाँ उद्योग लगाया…? -अखिलेश यादव

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भाजपा सरकार के साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश विकास में पीछे होता गया है। भाजपा के कुशासन से जनता ऊब गई है। उसके राजनीतिक छल-कपट की सच्चाई अब सबके सामने आने से बौखलाए मुख्यमंत्री जी और दूसरे भाजपा नेता लोगों के मनोरंजन के लिए अब राजनीतिक खेल तमाशों के आयोजन में उतर आए हैं। कभी भाजपा और संघ की बैठकें, कभी मंत्रिमण्डल विस्तार की चर्चाएं तो कभी धड़ाधड़ तबादले ये सब भाजपा की घबराहट का नतीजा ही है।

भाजपा सरकार यह ब्यौरा कभी नहीं देती है कि कहां से कितना बाहरी पूंजी निवेश आया और किस उद्यमी ने कहाँ उद्योग लगाया ? कितनों को रोजगार मिला? कितने एम.ओ.यू. जमीन पर उतरे और कितने उद्योगों में छंटनी से कितने नौजवान बेरोजगार हुए? भाजपा राज में गुण्डाराज के साथ भ्रष्टाचार पर रोक नहीं है। महिलाओं की इज्जत पर हर समय खतरा मंडराता रहता है। छोटी-छोटी बच्चियां तक दुष्कर्म की शिकार बनाई जा रही हैं। मिशन शक्ति का झूठा प्रचार, विकास के नाम पर कहीं कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक झूठे प्रचार में मुख्यमंत्री जी ने जनता की गाढ़ी कमाई फूंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन प्रदेश के हर शहर-देहात में आफत ही आफत है। नीति आयोग की रिपोर्ट में फिसड्डी, हर रोज बिजली कटौती, गड्ढायुक्त सड़कें, जगह-जगह जल भराव, ट्रैफिक जाम, पेयजल संकट, शिक्षा-स्वास्थ्य में दुव्र्यवस्था और प्रदूषण से राजधानी समेत हर महानगर में हाहाकार यही तो भाजपा सरकार की उपलब्धि और उल्लेखनीय देन है।

सच तो यह है कि आज प्रदेश में नाकाम भाजपा सरकार द्वारा जनादेश की चोरी कोरोना बदइंतजामी, किसान-व्यापारी उत्पीड़न, बेकाबू मंहगाई, रिकार्ड बेरोजगारी, नौजवानों की आंखो के आगे अंधेरा यही सब तो उसकी गिनाने लायक चीजे हैं।समाजवादी पार्टी ने जब जनहित के मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार को ललकारते हुए पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन किए तो समाजवादी पार्टी को मिले अभूतपूर्व समर्थन से स्पष्ट हो गया है कि सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने से आर.एस.एस. रोक नहीं सकेगी। समाजवादी पार्टी का आना और भाजपा का साफ होना सुनिश्चित है। बस जनता को 2022 का इंतजार है।

 सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पेगासस फ़ोन हैकिंग केस  में बीजेपी की केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर इस मुद्दे पर बीजेपी और मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा, फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम बीजेपी करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर बीजेपी सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है। पेगासस जासूसी कांड  का मुद्दा संसद के मॉनसून सत्र में भी गरमाने के आसार हैं।सपा के अलावा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को निशाना बना रहे हैं, वहीं सरकार ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज करने में जुटी है। संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी इस मुद्दे पर हंगामे के आसार दिखाई दे रहे हैं।

 

 

          अगले साल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले नीति आयोग द्वारा एसडीजी इंटेक्स का तीसरा संस्करण जारी किया गया है।जिसमें साल 2020-21 के लिए एसडीजी के मोर्चे पर देश के राज्य सरकारों की उनकी रैंकिंग की गई है। जिसमें सबसे ऊपर केरल का नाम है।इस रैंकिंग में जहां सबसे अच्छा प्रदर्शन केरल का रहा है। वही सबसे बुरा प्रदर्शन रहा है बिहार का।टॉप 5 राज्यों में केरल को 75 रैंक, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु को 74 रैंक, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड – 72 रैंक, सिक्किम – 71 रैंक, महाराष्ट्र – 70 रैंक।एसडीजी आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण से संबंधित मापदंडों के जरिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विकास का मूल्यांकन करता है।भाजपा शासित असम, बिहार और उत्तर प्रदेश के सबसे बुरे प्रदर्शन वाले पांच राज्यों में शुमार हैं। जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार की सरकार द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं।हाल ही में भाजपा ने असम में विधानसभा चुनाव जीते हैं। जल्द ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।ऐसे में एसडीजी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग सबसे बुरे प्रदर्शन वाले राज्यों में आना योगी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है।