जानें क्या होगा भाजपा कि डूबती नाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शरण में ?

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राजेन्द्र चौधरी

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अपनी कठपुतली भाजपा सरकार को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सक्रिय हो गया है। संघ इस बात से चिंतित है कि भाजपा सरकार ने साढ़े चार साल बिता दिए और धेले भर का भी काम नहीं किया। इसलिए लखनऊ में हुई संघ की समन्वय बैठक में फिर से मतदाताओं को बहकाने-भटकाने की रणनीति तय की गई है। दिखावे के लिए कथित सेवा को भी राजनीति में घसीटने का प्रयास है। डराने, धमकाने का भी मुद्दा बनाने का इरादा है।

उपर्युक्त संघी निर्णयों से भाजपा की चुनावी दिशा का स्पष्ट संकेत मिलता है। समाजवादी पार्टी के पक्ष में जनता के बढ़ते रूझान को देखते हुए संघी वास्तव में बदहवाशी के शिकार हो चले हैं। उत्तर प्रदेश के विकास में भाजपा ही सबसे बड़ा रोड़ा साबित हुई है। साढ़े चार साल में भाजपा ने जनता को धोखा पर धोखा दिया है। विकास अवरूद्ध हुआ है। गरीब, किसान, नौजवान, श्रमिक, व्यापारी, महिला सहित समाज के सभी वर्गो के लोगों को मंहगाई, बेकारी, प्रशासनिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। प्रदेश को भाजपा सरकार ने हर क्षेत्र में फिसड्डी बना दिया है।

जब भाजपा की नाव डूब रही है तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शरण में जाने से भी क्या होगा? खुद संघ महानगरों की शाखाओं में सीमित है। गांव-किसान-मजदूर से उसका कोई नाता रिश्ता नहीं है। लोकतांत्रिक मूल्यों से उसे परहेज है। पथ संचलन के नाम पर सिर्फ सड़क पर उनका डण्डा प्रदर्शन ही दिखता है। सेवा क्षेत्र में तो उसकी कहीं कोई उपस्थिति कोरोना संक्रमण काल में दिखाई नहीं दी। वह निरर्थक मुद्दें उठाकर समाज के एक वर्ग को आतंकित करती है और समाज में विघटन के बीज बोता है।जनता संघ-भाजपा दोनों की सच्चाई जानती है। प्रदेश में जनता ने समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का इरादा कर लिया है। भाजपा जनादेश का अपमान कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। जनादेश के अपमान का पाठ अब जनता ही उसे पढ़ाएगी। सन् 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होना तय है।

     अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम लागू करने के नाम पर उनकी स्वायत्तता समाप्त करने की साजिश कर रही है। नई शिक्षा नीति के नाम पर उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू कर बिना किसी विचार विमर्श के इसी सत्र से लागू करने का दबाव बना रहा है।समाजवादी पार्टी शिक्षा के राजनीतिकरण और विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक आजादी में सरकारी दखल के सख्त खिलाफ है। समाजवादी पार्टी हर हाल में शैक्षिक संस्थानों की स्वायत्तता की पक्षधर है।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का इरादा विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम के नाम पर भगवा एजेण्डा लागू करना है। समान पाठ्यक्रम लागू करने से प्रदेश की उच्च शिक्षा बर्बाद हो जाएगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी संकायों ने सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भेजे गए पाठ्यक्रम को न केवल अस्वीकार किया है बल्कि इसे विश्वविद्यालय की गरिमा पर हमला बताया है। श्री यादव ने कहा भाजपा सरकार को शिक्षकों की भावना का सम्मान करना चाहिए।