निकाय चुनाव का रास्ता साफ

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निकाय चुनाव का रास्ता साफ
निकाय चुनाव का रास्ता साफ

निकाय चुनाव का रास्ता साफ,उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर OBC को हिस्सेदारी देने के लिए बने आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी को सौंप दी. रिपोर्ट में आयोग ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के लिए क्या सिफारिशें की हैं, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई हैं. इस पांच सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह ने की. नगरीय निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में ओबीसी की हिस्सेदारी नए सिरे से तय की जाएगी।प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए पांच सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में हुआ था. आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम अब पूरा कर लिया है.


इस आयोग के अन्य चार सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार, पूर्व अपर विधि परामर्शदाता संतोष कुमार विश्वकर्मा और बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं. आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद की गई थी. इस आयोग का गठन पिछले साल के आखिर में ऐसे समय में किया गया था, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अधिसूचना के मसौदे को खारिज कर दिया था और ओबीसी को बगैर आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का आदेश आने के बाद कहा था कि ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर शहरी स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होंगे और राज्य सरकार इसके लिए एक आयोग गठित करेगी.रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस रिपोर्ट को रखा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी और फिर निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी.

आरक्षण में हो सकता है बड़ा उलटफेर

सूत्रों के अनुसार ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर हो सकता है. नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगरीय निकायों में मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा। अभी तक अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं.अब इसे कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी। इसके लिए आज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दी जाएगी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात के स्तर से रिपोर्ट को कैबिनेट मंजूरी के लिए रखने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. इसके बाद रिपोर्ट की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देते हुए यूपी में निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलट-फेर होगा। नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा. सूत्रों का कहना है कि अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं. निकाय चुनाव का रास्ता साफ