किसान मेला एवं प्रदर्शिनी में आकर्षण का केंद्र बनी स्ट्रॉबेरी की खेती

109

लखनऊ। केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा अनुसूचित जाति जन जाति योजना के अंतर्गत आयोजित किसान मेला एवं प्रदर्शिनी में काकोरी, मलिहाबाद तथा माल क्षेत्र के किसानो ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। साथ ही आस पास के जनपदों से आये हुए किसानो ने संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों के विषय में जानकारी हासिल की ।

मुख्य अतिथि निदेशक उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश डॉ0 आर0 के0 तोमर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष, संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ0 घनश्याम पांडेय ने संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों के विषय में विस्तृत जानकारी दी तथा संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों से कम जोत वाले किसानो को भी कैसे आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल रही है इस विषय में चर्चा की।

तुड़ाई उपरांत प्रबंधन विभाग की प्रभागाध्यक्ष डॉ. नीलिमा गर्ग बताया कि किसान बागवान मुख्य रूप से महिलाएं संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों द्वारा फलएवं सब्जियों से बनने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाकर न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्किउद्यमिता विकास भी कर रही है

डॉ0 एच एस सिंह ने कीट नियंत्रण तथा डा0 पी के शुक्ल ने रोग नियंत्रण में सावधानी तथा रसायनो की गुणवत्ता का ध्यान रखने की वैज्ञानिक जानकारी दी । डॉ0 एस आर सिंह ने संसथान द्वारा विकसित हीड्रोपोनिक्स तकनीक द्वारा सब्जी उत्पादन एवं नगरीय क्षेत्रों के इसकी उपयोगिता के विषय में जानकारी दी।

डा0 मनीष मिस्र ने बताया कि उधान तकनीको को व्यवसाय में कैसे बदले। डॉ0 अशोक कुमार ने अनुसूचित जाती के किसानो कीआय वृद्धि के लिए संसथान के प्रयासों तथा किये गए कार्यों के विषय में किसानो को अवगत कराया। किसान मेला में आये किसानो ने भी अपने अपने अनुभव साझा किये।

काकोरी निवासी रविंद्र ने बताया कि संसथान के वैज्ञानिको द्वारा बताई गयी तकनीकों का उपयोग करके न केवल उन्होंने, बल्कि उनके गांव के अन्य किसानो ने भी लाभ अर्जित किया और अब उनका गांव गेंदे के फूल की खेती के लिए क्षेत्र का एक अग्रणी गांव है। ककराबाद, माल के किसान राजेश ने बताया की पिछले कुछ वर्षों से वह संसथान द्वारा बताई गयी तकनीकों का उपयोग करके अपनी आय दुगुनी करने में सफल रहे है।

मेले में आकर्षण का केंद्र रही किसानों द्वारा स्ट्रॉबेरी की खेती । संस्थान से सहायता और पौध पाकरअनुसूचित जाति के किसानों ने इसकी खेती व्यापक पैमाने पर की जिससे इनकी आय में बढ़ोतरी हुयी । विदेशी सब्ज़ियों की भी खेती को बड़े स्तर पर किसानों ने अपनाया।

करझन गाँव के किसान बताते है कि कैसे उनके गाँवों में सब्ज़ियों की पौध संस्थान ने दी जो उनके व्यवसाय का साधन बना। स्वयं सहायता समूहों ने भी इस मेले में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। जहां स्वावलंबन ने टमाटर, चुकंदर, लहसुन और मिर्च के पाउडर को प्रदर्शित किया वही सहभागिता ने उन्नत मुर्ग़ों की क़िस्मों का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में अपने कृषि उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया। हाइड्रोपोनिकस में लोगों ने विशेष दिलचस्पी दिखाई ।