आपातकाल के काले दिन

93

हिमांशु दुबे

लखनऊ। स्वतंत्र देव सिंह ने आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला अध्याय बताया। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि लोकतंत्र को रक्त रंजित करके कांगे्रस ने आज ही के दिन 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया और देश के जन-गण-मन के मौलिक अधिकारों का दमन कर दिया। उन्होंने आपातकाल की भयावहता पर बात करते हुए कहा कि ‘‘अनुशासन के नाम पर अनुशासन का खून-भंग कर दिया संघ को, कैसा चढ़ा जुनून’’। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि आपातकाल में प्रत्येक राष्ट्रवादी आवाज को बंद करने का काम कांग्रेस ने किया।

उन्होंने कहा कि आपातकाल के अनुपति पत्र पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से पूर्व ही लोकनायक जय प्रकाश नारायण, मुरार देसाई ,अटल बिहारी बाजेपयी व लालकृष्ण आडवानी जैसे राष्ट्रीय नेताओं के साथ हजारों समर्थकों को गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया गया था। देश ने लगातार 21 माह तक इंदिरा शासन की क्रूरता को बर्दाश्त किया।

संघ के स्वयंसेवकों को आमानवीयता की हदे पार करके यातनाये दी गयी। उन्होंने कहा कि आपातकाल एक-एक व्यक्ति के स्मरण में अंकित रहना चाहिए, ताकि देश तानाशाही प्रवृत्तियों को लेकर सावधान रहे और फिर ऐसी पुनरावृत्ति न हो सकें।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस द्वारा देश के लोकतंत्र पर सबसे बड़े हमले एवं षड़यंत्र के विरूद्ध जिन लोकतंत्र रक्षकों ने संघर्ष किया, मैं आज उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूॅ। भारतीय जनता पार्टी ने आज प्रदेश के सभी जिलों में आपातकाल के काले दिन विषय के साथ विभिन्न कार्यक्रम किये तथा लोकतंत्र रक्षकों का सम्मान किया गया।