रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का मंचन

165
रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का मंचन
रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का मंचन

रामलीला में हुआ धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर लीला का मंचन। रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का मंचन

धर्मेंद्र यादव

बाबा बाजार/आयोध्या। मवई ब्लाक अंतर्गत बहापुर गांव में 65 वर्षों से लगातार चली आ रही रामलीला मे पांचवें दिन रामलीला के कलाकारों ने धनुष यज्ञ का मंचन किया। रामलीला के पांचवें दृश्य में दिखाया गया कि जब राजा जनक द्वारा स्वयंवर आयोजित किया जाता है। कई राजा समारोह में मौजूद होते हैं। राजा जनक की शर्त के अनुसार सभी राजा शिवजी का धनुष तोड़ने का प्रयास करते हैं, लेकिन कोई भी तोड़ना तो दूर धनुष को उठा भी नहीं पाता। इससे राजा जनक मायूस हो जाते हैं।


इस पर राजा जनक कहते हैं कि लगता है कि यह धरती वीरों से खाली हो गई है। राजा जनक की यह बात लक्ष्मण जी को काफी नागवार लगती है। वह राजा जनक से कुछ कहने को होते है, लेकिन भगवान श्रीराम उन्हें शांत होने का इशारा कर देते हैं। राजा जनक की मायूसी देखकर ऋषि विश्वामित्र के इशारा करने पर भगवान श्रीराम शिवजी के धनुष को उठाकर तोड़ देते हैं। माता सीता भगवान श्रीराम के गले में वरमाला डाल देती हैं। पूरी जनकपुरी में खुशी का माहौल बन जाता है। यहीं पर लीला का समापन हो जाता है।इस अवसर पर विनोद तिवारी पूर्व वी डी सी, पंडित गिरजा कांत दीक्षित,रविन्द्र दीक्षित, पप्पू गुप्ता, मोहम्मद मुसीर, देवराज यादव, राहुल तिवारी, लवकुश दीक्षित,विशाल तिवारी,शिवम तिवारी,संजय गुप्ता,मनोज दीक्षित, आदि लोग मौजूद रहें। रामलीला में धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का मंचन