ई-कॉमर्स कंपनियां का स्वास्थ्य से खिलवाड़

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ई-कॉमर्स कंपनियां का स्वास्थ्य से खिलवाड़
ई-कॉमर्स कंपनियां का स्वास्थ्य से खिलवाड़

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के नेतृत्व में राजधानी के रिटेल केमिस्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले,सौंपा ज्ञापन. ई-कॉमर्स कंपनियां देश के नियम कानूनों का उल्लंघन करते हुए उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं – संजय गुप्ता ई-कॉमर्स कंपनियां का स्वास्थ्य से खिलवाड़


राजधानी लखनऊ के रिटेल केमिस्ट उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष संजय गुप्ता के नेतृत्व में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से उनके आवास पर मिले. राजधानी के रिटेल दवा व्यापारियों ने रक्षा मंत्री को ई फार्मेसी के कारण प्रभावित हो रहे हैं. रिटेल केमिस्ट के व्यापार को बचाने की मांग की तथा उन्हें ज्ञापन सौंपा. व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने रक्षा मंत्री से कहा प्रदेश एवं देश में अनेक बड़ी विदेशी और देसी कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा की जा रही. ऑनलाइन फ़ार्मेसी द्वारा ड्रग एवं कॉस्मैटिक क़ानून की लगातार अवहेलना की जा रही है. उनके द्वारा ई फार्मेसी के माध्यम से आपूर्ति की जा रही. दवाइयों ने न केवल देश के करोड़ों थोक और खुदरा केमिस्टों के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है. बल्कि उपभोक्ता विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरे में डालते जा रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने रक्षा मंत्री को अवगत कराते हुए कहा देश मे दवाओं का निर्माण, आयात, बिक्री और वितरण औषधि और प्रसाधन सामग्री क़ानून और नियमों द्वारा नियंत्रित होता है. इस अधिनियम के नियम कड़े हैं और न केवल प्रत्येक आयातक, निर्माता, विक्रेता या दवाओं के वितरक के लिए एक वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है.बल्कि यह भी अनिवार्य है कि सभी दवाओं को केवल एक पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा ही दिया जाए. उन्होंने कहा ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस हमारे देश के कानून की खामियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. और बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं बेचकर और पंजीकृत फार्मासिस्ट के बिना दवाओं का वितरण करके निर्दोष भारतीय उपभोक्ताओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ई फार्मेसी, टाटा 1एमजी, नेटमेड्स और अमेज़ॅन फार्मेसी जैसे ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस इन घोर उल्लंघनों में सबसे आगे हैं. और इन के मनमाने रवैये पर जल्द अंकुश लगना चाहिए. सरकार को केवल उन्हीं ई-फार्मेसियों को अनुमति देनी चाहिए जिनके पास ऐसी दवाएं हैं.

जिन्हें ई-फार्मेसी पर बेचने की अनुमति है. और इसके अतिरिक्त सभी शेष ई-फार्मेसी को बंद करने के निर्देश देने चाहिए. साथ ही, किसी भी व्यक्ति को ई-फार्मेसी इकाई और उपभोक्ता के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए वेब पोर्टल स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उदाहरण के लिए, यदि कोई नकली, मिलावटी या गलत ब्रांड वाली दवा उपभोक्ता तक पहुंचाई जाती है, तो फार्म इजी या नेटमेड जैसा बाज़ार हमेशा मध्यस्थ की दलील देकर छिप जाएगा जो कि वर्तमान ई-कॉमर्स व्यापार में भी एक व्यापक कदाचार है. एक इकाई जो पूरी तरह से इन्वेंट्री का मालिक है, उसे सभी परिस्थितियों में उत्तरदायी होना होगा. सभी दवाएं केवल पंजीकृत खुदरा फार्मेसी से वितरित की जाए.

व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने रक्षा मंत्री से कहा इस संबंध में आपकी अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह कमेटी की सिफारिशों को लागू करवाने की कृपा करें. संगठन की जानकारी के अनुसार इस कमेटी ने ऑनलाइन दवा की बिक्री को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है.रक्षा मंत्री जी से मिलने वाले में राजधानी के उत्तर प्रदेश दवा आदर्श व्यापार मंडल के प्रभारी कमेटी क सदस्य मनीष पांडे,विवेक गुप्ता,अमित अग्रवाल,उमाकांत गुप्ता दिनेश कुमार. अभिषेक चंद, वीरेंद्र सिंह,रविंद्र सचान,अशोक यादव सोनू यादव विनोद सिंह आदि मुख्य रूप से शामिल थे। ई-कॉमर्स कंपनियां का स्वास्थ्य से खिलवाड़