“महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारी हुए बेरोजगार

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“महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारी हुए बेरोजगार
“महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारी हुए बेरोजगार

“महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारी हुए बेरोजगार। महिला कल्याण विभाग ने लिया एक तरफा निर्णय। केंद्र सरकार ने इस योजना को “सामर्थ्य” योजना में किया है शामिल। “महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारियों के समायोजन के लिए संयुक्त परिषद ने लिखा मुख्य सचिव को पत्र। “महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारी हुए बेरोजगार

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि 2017 से उत्तर प्रदेश के 71 जनपदों में महिलाओं को सुरक्षा, संरक्षण एवं शक्ति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से “महिला शक्ति केंद्र” योजना चलाई जा रही थी। इस योजना के संबंध में 27 अप्रैल 2022 को भारत सरकार ने एक निर्णय लेते हुए राज्य सरकार को अवगत कराया था कि अब “मिशन शक्ति योजना” को “सामर्थ्य” योजना में सम्मिलित करके दोनों योजनाओं को एक साथ चलाया जाएगा।

इस क्रम में “महिला शक्ति केंद्र” योजना के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में कार्यरत तीन कार्मिकों को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “हब एंपावरमेंट ऑफ वूमेन” की छतरी के नीचे “वन स्टाफ सेंटर” के रूप में कार्य लिए जाने के निर्देश केंद्र सरकार ने दिए है । लेकिन प्रदेश सरकार के महिला कल्याण विभाग के निदेशक द्वारा 5 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी किया गया, जिसके दुष्प्रभाव “महिला शक्ति केंद्र” के कर्मचारियों पर जनपदों में दिखाई पड़ रहा है। जनपद रामपुर ,चंदौली, अलीगढ़ सहित कई जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारियों ने “महिला शक्ति केंद्र” में कार्यरत कर्मचारियों को कार्य से अलग कर दिया है, जिसके कारण उनके सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

जबकि केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में “महिला शक्ति केंद्र” के सभी कर्मचारियों का समायोजन “हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन” वन स्टॉप सेंटर के अंतर्गत किए जाने के निर्देश हैं। महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं में महिला कर्मियों का ही शोषण प्रदेश के महिला कल्याण विभाग द्वारा किया जाना, योजना को सुचारू रूप से चलाने के तरीकों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने अवगत कराया है कि संयुक्त परिषद ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर सारी स्थितियों से अवगत कराते हुए “मिशन शक्ति योजना” में कार्यरत कर्मियों को “हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ़ वूमेन” “वन स्टाफ सेंटर” के माध्यम से कार्य लिए जाने का अनुरोध किया है। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने अवगत कराया है कि प्रदेश का महिला कल्याण विभाग केंद्र सरकार के निर्देशों से अलग हटकर कार्य कर रहा है , जोकि उचित नहीं है। उन्होंने महिला कल्याण विभाग को केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार ही कार्य करने के निर्देश जारी करने का अनुरोध मुख्य सचिव से किया है ।

महिला कल्याण विभाग में इस तरह के कार्य पहले भी किए गए हैं, जिसमें संविदा कर्मियों को आउटसोर्स में परिवर्तित करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई बताई जाती है। महिला कल्याण विभाग के इस प्रकार के कार्य करने से केंद्र सरकार की योजनाओं पर असर पड़ेगा और इसका सीधा असर आने वाले चुनाव पर भी पड़ेगा ।जे. एन. तिवारी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री जी का भी ध्यान आकर्षित किया है। “महिला शक्ति केंद्र” योजना के कर्मचारी हुए बेरोजगार