अयोध्या में बुखार का प्रकोप बढ़ा

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अयोध्या में बुखार का प्रकोप बढ़ा,प्लेटलेट की मांग बढ़ी; अस्पताल में मरीजों की भीड़। प्लेटलेट एक लाख से नीचे आते ही मरीज भयभीत हो रहे हैं

पंकज यादव

जिले में इन दिनों बुखार का प्रकोप तेज है। अस्पतालों में ऐसे कई मरीज इलाज करा रहे हैं, जिनके बुखार के साथ-साथ प्लेटलेट लगातार गिर रही है। हालांकि, उनकी डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव है। इस वजह से प्लेटलेट की डिमांड भी जिले में बढ़ रही है। दो ब्लड बैंक से प्रतिदिन करीब 15-20 यूनिट प्लेटलेट जारी की जा रही है। जिले में डेंगू समेत बुखार के अन्य मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में डेंगू के तीन एक्टिव मरीज हैं। हालांकि अभी तक जिले में 90 मरीज मिल चुके हैं।


प्रतिदिन काफी संख्या में मरीज राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज दर्शननगर और जिला अस्पताल, राजकीय श्रीराम अस्पताल में बुखार से ग्रसित होकर पहुंच रहे हैं। ओपीडी में ऐसे मरीजों की भीड़ तो है ही वार्ड भी खाली नहीं है। इन दिनों पहुंच रहे मरीज बुखार के अन्य मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा में है। बुखार पांच से छह दिन तक लोगों को तंग कर रहा है। खास बात है कि बुखार के साथ, जोड़ों में दर्द, बदन दर्द समेत डेंगू से मिलते-जुलते लक्षण नजर आ रहे हैं, प्लेटलेट भी तेजी से गिर रही है, लेकिन डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।


ऐसे में प्लेटलेट एक लाख से नीचे आते ही मरीज भयभीत हो रहे हैं और प्लेटलेट चढ़ाने के लिए चिकित्सक से जिद करते हैं। इस वजह से जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में स्थित ब्लड बैंक में प्लेटलेट की मांग भी तेज हो रही है। पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के प्लेटलेट तो आसानी से उपलब्ध हैं, लेकिन निगेटिव ब्लड ग्रुप की प्लेटलेट का संकट है। जिला अस्पताल में शनिवार को 32 यूनिट प्लेटलेट का स्टॉक रहा, लेकिन एबी निगेटिव व बी निगेटिव का स्टॉक शून्य रहा। वहीं, मेडिकल कॉलेज में तो प्रचुर मात्रा में प्लेटलेट की उपलब्धता बताई गई है।


मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. पीयूष गुप्ता ने बताया कि मरीज काला मल त्याग कर रहा है, शरीर में किसी अंग से खून आ रहा हो तो प्लेटलेट कितनी भी होने पर तुरंत चढ़ाने की जरूरत है। अन्यथा बीस हजार तक प्लेटलेट पहुंचने पर चढ़ाने की सलाह दी जाती है।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ बृज कुमार ने बताया कि डेंगू से इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं। निगेटिव ब्लड ग्रुप को छोड़कर शेष सभी ग्रुप की प्लेटलेट उपलब्ध है। प्रतिदिन पांच-छह यूनिट प्लेटलेट की खपत होती है।