समाज सेवा मन से होती है-सतीश महाना

137
समाज सेवा मन से होती है-सतीश महाना
समाज सेवा मन से होती है-सतीश महाना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने आज कहा कि समाज सेवा मन से होती है। सेवा मार्ग पर चलकर हमें जीवन में बड़ी सफलता मिल सकती है। जब हम सकारात्मक भाव से समाज को देखेंगे तो सफलता मिलनी तय है। इसलिए हम सबको अपनी सकारात्मक सोच से समाज को जोड़ने का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जितना हम बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता करते हैं उतना अगर हम पर्यावरण को बेहतर बनाने के नए रास्ते निकालने पर काम करें तो इस  दिशा में बड़ी सफलता मिल सकती है। आज यहां होटल ताज में सस्टेनबल डेवलेपमेंट फाउन्डेशन की तरफ से आयोजित ‘‘14वें एक्सीड ग्रीन फ्युचर इनवायरमेंट सी.एस.आर. एण्ड एच.आर. अवार्ड्स एण्ड कांफ्रेस आन ‘बीट द प्लास्टिक पलूशन’ कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थिति थें। समाज सेवा मन से होती है-सतीश महाना

समाज सेवा मन से होती है-सतीश महाना


उन्होंने कहा कि हम जिस क्षेत्र में है, उसी क्षेत्र में बेहतर काम कर सकते हैं। हमारा देश ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा वाला देश है। हमने सेवा को ही अपने जीवन का आधार समझा है। जो सुख किसी की सेवा करने में मिल सकता है उतना किसी को संसाधन उपलब्ध कराकर और धन का लाभ देकर नहीं मिल सकता है। जिन लोगों को समाज में सेवा का अवसर मिलता है। वह बेहद भाग्यशाली होते हैं। समाज में रहकर किसी को संसाधनों से तो उपकृत तो कर सकते हैं पर उसको समय नहीं दे सकते है। लेकिन जब आप किसी को समय देकर उसकी सेवा करते है तो वही असली सेवा होती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब आप समाज में किसी दूसरे की सेवा करते हैं तो मन में कभी यह भाव नहीं आना चाहिए कि यह काम आप कर रहे हैं । अगर ऐसा विचार करते हैं तो यह आपको नकारात्मक दिशा की तरफ ले जाएगा।

वाराणसी के जयपुरिया स्कूल से आए छात्र -छात्राओं के एक दल ने आज आनलाइन बुकिंग कर विधानसभा का भ्रमण किया साथ ही विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी से वार्ता की। 21 सदस्यीय इस दल में 10 छात्र और 9 छात्राएं शामिल थीं।


उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा है कि राजनीति के क्षेत्र से जुडे़ लोगों के प्रति समाज में जो वर्षाे से एक नकारात्मक धारणा बनी हुई है, उसे बदलने की जरूरत है। हमारे समाज में लोगों का यह मानना है कि इस क्षेत्र में अधिकतर लोग पढे़ लिखे नहीं होते हैं। यहां तक कि राजनीति के क्षेत्र में आने वाले लोगों को सकारात्मक दृष्टि से नहीं देखा जाता है। पर इधर कुछ वर्षाें से इस तरह की धारणा में बदलाव आया है। नई पीढ़ी समाज में फैली इस गलत धारणा को बदलने का काम कर रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देश में, प्रदेश में, समाज में यहां तक कि अपने परिवार में भी होती है। इसके विभिन्न आयाम होते हैं, पर इसकी भी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। इस संवैधानिक अधिकार का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। महाना ने संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंतत्रा के अधिकार को मानव अधिकार की संज्ञा देते हुए कहा कि यह लोकतान्त्रिक जीवन का अभिन्न अंग है।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाज के बदलते स्वरूप पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब हम सब सुविधाभोगी होते जा रहे हैं। धीरे-धीरे हर क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले हम समाज के बारे में सोचते थें फिर धीरे धीरे कुटुम्ब के बारे में सोचने लगे, इसके बाद परिवार के बारे में और अब केवल अपने बारे में सोचते हैं। यह सोच हमें गलत दिशा की तरफ ले जा रही है। उन्होंने कहा कि हम अपने मन में जिस तरह के विचार के बीज डालेगें वैसा ही हमारा आचरण व्यवहार होता जाता है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विभिन्न कम्पनियों के अलग अलग सेक्टरों से जुडे़ लोगों को अपने हाथों से ट्राफी देकर सम्मानित किया। पूर्व निदेशक आर.एन. जिंदल ने कार्यक्रम का समापन किया। उपाध्यक्ष डॉ. प्रणवी लूथरा ने  कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को सहित सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। समाज सेवा मन से होती है-सतीश महाना