दिल्ली से बेन्गलुरु जाने वाली इंडिगो फ्लाईट के इंजन में आग लगने से यात्रियों में हड़कंप

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दिल्ली से बेंगलुरु जाने वाली इंडिगो फ्लाइट में आज (29 अक्टूबर) बड़ा हादसा हुआ है. इंडिगो फ्लाइट (6E-2131) के इंजन में आग लगने से विमान में बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया. हालांकि, आग लगने के बाद विमान को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया. फ्लाइट दिल्ली से बेंगलुरु के लिए उड़ान भर रही थी, तभी फ्लाइट के दाहिने विंग से चिंगारी निकलने लगा. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें देखा सकता है कि फ्लाइट ने टेक-ऑफ कर लिया था लेकिन विंग से चिंगारी निकलने के तुरंत बाद इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E 2131 के राइट विंग में आग की लपटें भी देखी जा सकती है. बताया जा रहा है कि विमान में 177 यात्री सवार थे.

इस घटना की जानकारी मिलते ही इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी घोषित कर दिया गया. बाद में यात्रियों को फ्लाइट से निकाल लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यात्रियों में से एक, प्रियंका कुमार ने ट्विटर पर घटना का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक इंजन में आग लगी और चिंगारी निकलती दिखाई दे रही है.

यात्री और पायलट सुरक्षित

घटना को लेकर इंडिगो एयरलाइंस ने एक बयान जारी किया है. इंडिगो ने कहा कि दिल्ली से बेंगलुरू के लिए उड़ान भरने वाली विमान 6E2131 को टेक ऑफ रोल के दौरान एक तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा, जिसके तुरंत बाद पायलट ने टेक ऑफ को रोक दिया और विमान की लैंडिंग कराई गई. इंडिगो ने बताया कि सभी यात्री और पायलट सुरक्षित हैं और उड़ान के संचालन के लिए एक वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की जा रही है. “यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है.”

हाल के महीनों में स्पाइसजेट और इंडिगो की फ्लाइट्स में तकनीकी खराबियों की घटनाएं तेज हुई है. पिछले दिनों तकनीकी खराबी के चलते ऐसी कई फ्लाइट्स की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी, जो डीजीसीए की जांच के दायरे में पहले से ही है. जुलाई महीने में ही डीजीसीए ने स्पाइसजेट से इस तरह की घटनाओं पर स्पष्टीकरण भी मांगा था.

गंभीर घटनाएं में बढ़ोतरी

डीजीसीए के आंकड़ों से पता चला है कि 2019 में 25 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले नौ सालों में सबसे ज्यादा थी. 25 घटनाओं में से 17 इंजन से संबंधित मुद्दों के कारण थीं. 2018 में 17 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं, इसके बाद 2016 और 2017 में 11 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं. इस साल 25 जुलाई तक चार गंभीर घटनाएं हुई हैं और यह आंकड़ा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.