स्मार्ट पुलिसिंग की संकल्पना का करें अनुसरण

108

आज की पुलिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग की संकल्पना का अनुसरण करते हुए कर्तव्यनिष्ठ, जनता के प्रति संवेदनशील, आधुनिक, दक्ष, जन सेवा के लिए सदैव तत्पर, उत्तरदायी, विश्वशनीय, तकनीकि में प्रवीण एवं समग्र रूप से सुप्रशिक्षित हो रही है, जो बहुत ही शुभ संकेत है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्‍यानंद राय ने आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में जांच एजेंसियों के प्रमुखों के तीसरे द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।जांच के दौरान कानूनों के पर्याप्‍त ज्ञान और उनके उचित उपयोग तथा जांच की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए विभिन्‍न जांच एजेंसियों और अभियोजन विंग के बीच बेहतर समन्‍वय होना जरूरी।गृह मंत्री अमित शाह जी का मानना है कि यदि आन्तरिक सुरक्षा को मजबूत करना है तो पुलिस को आधुनिक, सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित, अच्छी टेक्नोलॉजी से लैस और सहायता के लिए एक अच्छा सिस्टम बनाना पड़ेगा।

दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जांच और अभियोजन में सहायता एवं लोक प्रशासन में पुलिस सबसे अहम शाखा है, जो सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करती है। पुलिस राष्ट्र की शांति और सद्भाव की प्रहरी है, जिसकी किसी भी राष्ट्र और उसके नागरिकों को सबसे अधिक आवश्यकता होती है। भारतीय पुलिस बलों को आवश्‍यक बौद्धिक, भौतिक और संगठनात्‍मक संसाधनों से लैस करके पुलिस के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए स्‍मार्ट बलों के रूप में बदलना हमारा दायित्‍व है। उन्होने कहा कि पुलिस द्वारा मानव समाज की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, जिससे वह देश की विकास यात्रा की एक अनिवार्य अंग बन जाती है।

READ MORE-UP से होकर गुजरती है $5 ट्रिलियन के सपनों की राह

स्मार्ट पुलिसिंग की संकल्पना का अनुसरण करें

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्‍यानंद राय ने आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में जांच एजेंसियों के प्रमुखों के तीसरे द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। समारोह में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्‍यूरो (BPR & D) के महानिदेशक बालाजी श्रीवास्‍तव, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा केंद्रीय पुलिस संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

नित्यानन्द राय ने कहा कि इस वर्ष सम्‍मेलन का विषय “जांच और अभियोजन में सहायता के लिए अत्‍याधुनिक तकनीकें” वर्तमान समय में बहुत प्रासंगिकता है। उन्होने कहा कि यह आवश्‍यकता महसूस की गई कि जांच के दौरान कानूनों के पर्याप्‍त ज्ञान और उनके उचित उपयोग तथा जांच की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए विभिन्‍न जांच एजेंसियों और अभियोजन विंग के बीच बेहतर समन्‍वय होना जरूरी है 

नित्यानन्द राय ने कहा कि वर्तमान में अपराधों में बदलते हुए प्रतिरूपों को ध्यान में रखते हुए जाँच में वैज्ञानिक सहायता का इस्तेमाल आज की आवश्यकता है। पुलिस को स्वयं को फोरेंसिक्स व पुलिस संबंधित कम्प्यूटर अनुप्रयोगों (ऐप्लकेशन) पर अपडेट रखना पड़ेगा ताकि नवीनतम तकनीकों का उपयोग सही दिशा व उपयुक्त समय पर होता रहे। उन्होने कहा कि पुलिस ही मानव जीवन के प्रत्येक पहलुओं की रक्षा करती है और वह अंगों के प्रत्यारोपण (Transplant) के लिए परिवहन के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी प्रदान कर रही है। इसलिए, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि मानव जीवन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाती। श्री राय ने कहा कि जनसांख्यिकी, भाषा, संस्कृति और धर्म की विविधता हमारे देश की मुख्य ताकत है। हमारे पुलिस कार्य लोगों की विविधता और संवेदनशीलता के प्रति सम्मानजनक होने चाहिए।

READ MORE- UG&PG टेक्निकल टेक्सटाइल्स डिग्री प्रोग्राम के निर्देश

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-2026 की अवधि के लिए 26,275 करोड रुपये के कुल केंद्रीय परिव्‍यय के साथ पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की अंब्रेला योजना को जारी रखने को मंजूरी दी है। उन्होने कहा कि आज की पुलिस प्रधानमंत्री जी के स्मार्ट पुलिसिंग की संकल्पना का अनुसरण करते हुए कर्तव्यनिष्ठ, जनता के प्रति संवेदनशील, आधुनिक, दक्ष, जन सेवा के लिए सदैव तत्पर, उत्तरदायी, विश्वशनीय, तकनीकि में प्रवीण एवं समग्र रूप से सुप्रशिक्षित हो रही है, जो बहुत ही शुभ संकेत है।

स्मार्ट पुलिसिंग की संकल्पना का अनुसरण करें

नित्यानन्द राय ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी देश की आन्तरिक सुरक्षा की मजबूती को देश के विकास के साथ देखते हैं। गृह मंत्री जी का मानना है कि यदि आन्तरिक सुरक्षा को मजबूत करना है तो पुलिस को आधुनिक करना पड़ेगा, उसे सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित करना पड़ेगा, अच्छी टेक्नोलॉजी से लैस करना पड़ेगा और सहायता के लिए एक अच्छा सिस्टम बनाना पड़ेगा और यह सिस्टम व रणनीति सातत्यपूर्ण होनी चाहिए।

पिछले साल अक्टूबर में आयोजित चिंतन शिविर में गृह मंत्री अमित शाह जी ने कहा था कि सभी राज्यों को दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान का अधिकतम उपयोग करना चाहिए और केंद्र सरकार राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) बनाकर हर संभव मदद उपलब्ध करवा रही है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि बीपीआरएंडडी अपनी स्थापना के समय से ही उत्तम कार्यप्रणालियों और मानकों के प्रोत्साहन द्वारा देश की पुलिस की क्षमता निर्माण, प्रशासनिक एवं सुधारात्मक सुधार, आधुनिकीकरण और उन्नयन की आवश्यकता के हर क्षेत्र के विकास में शामिल रहा है। ब्यूरो देश भर में शांति, सद्भाव सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा भारतीय पुलिस के हर कदम का मार्गदर्शन एवं संवर्धन करने के लिए अनुकरणीय का