मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री

128
मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री
मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री

हुनरमंद,मेहनतकश और गरीब के साथ हर कदम पर खड़ी है सरकार। उपमुख्यमंत्री ने सोनभद्र के मनरेगा श्रमिक के बेटे रामबाबू के एशियाई गेम्स में कांस्य पदक जीतने पर दी बधाई व शुभकामनाएं। मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री

लखनऊ। 19वें एशियाई खेलों की पैदल चाल स्पर्धा के कांस्य पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले सोनभद्र के मनरेगा श्रमिक के बेटे रामराबू को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं और विश्वास दिलाया है कि ग्राम्य विकास विभाग से जुड़ी हर उस योजना का लाभ उन्हें उपलब्ध कराएगा ,जिसके वो पात्र होंगे।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बिना किसी भेदभाव के हर गरीब और पात्र व्यक्ति तक हर योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। और अब प्रदेश में ‘गरीबी’ किसी के भी विकास में बाधक भी नहीं बन सकती। 19वें एशियाई खेलों की पैदल चाल स्पर्धा के कांस्य पदक विजेता रामराबू की कड़ी मेहनत और धैर्य उनकी इस सफलता की कहानी को बयां कर रही है। एशियाई खेलों में रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर न केवल देश बल्कि अपने माता-पिता,गांव,जनपद और प्रदेश का भी मान बढ़ाया है। उनके इस संघर्ष और सफलता में सरकार ने भी हर संभव मदद उनके परिवार तक पहुंचाई है। वो चाहें मनरेगा के तहत जॉब कार्ड हो,आवास हो ,शुद्ध पेयजल या फिर भूमि आवंटन हो सभी तरह से योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है।

जानिए कौन हैं रामबाबू

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के राबर्ट्सगंज विकासखंड के बहुअरा गांव के निवासी 23 वर्षीय रामबाबू जिनके पिता का नाम छोटेलाल है। इनकी माता का नाम मीना देवी है। पिता छोटेलाल ने मजदूरी कर रामबाबू को गांव में ही कक्षा 5 तक पढ़ाया।इसके बाद कक्षा 6 से 12 तक रामबाबू की पढ़ाई नवोदय विद्यालय में पूरी हुई। पढ़ाई में रामबाबू सामान्य छात्र थे, इसलिए इनका रुख खेलों की तरफ ज्यादा था और आज वो खेल के क्षेत्र में अपने माता-पिता के साथ देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।

मनरेगा के कार्य ने दूर किया आर्थिक संकट

मनरेगा के तहत रामबाबू के माता-पिता का जॉब कार्ड बना है। जिसने कोरोना काल जैसे कठिन समय में भी आर्थिक समस्या से जूझने नहीं दिया। उस कठिन समय में रामबाबू को भी घर लौटना पड़ा था।आर्थिक समस्या भी खड़ी हो गई थी, तब मनरेगा ने उन्हें संकट भरे समय से उबारने में बड़ी मदद की। मनरेगा के तहत रामबाबू के माता-पिता को वर्ष 2019-20 में कुल 66 दिन कार्य दिया गया जिसका 12012.00 रुपए भुगतान किया गया। वहीं 2020-21 में कुल 78 दिन का कार्य देकर 15078.00 रुपए भुगतान किया गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 37 दिन का कार्य दिया गया, जिसका 7548.00 रुपए भुगतान किया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 उनके द्वारा कार्य नहीं किया गया। वर्ष 2023-24 में आवास पर 39 दिवस का मस्टर रोल जारी किया गया है।

आवास से लेकर कृषि भूमि का भी आवंटन

ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि भूमिहीन होने के चलते रामबाबू को भूमि आवंटन से लेकर आवास योजना तक का लाभ दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में रामबाबू को सरकार और विभाग के तरफ से मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत आवास भी दिया गया है। इसके अलावा राज्य वित्त योजना से बोरिंग कराते हुए सबमर्सिबल पंप और टंकी की भी व्यवस्था कराई गई ,जिससे शुद्ध पेयजल घर तक पहुंच सके। रामबाबू का परिवार भूमिहीन था,संज्ञान में आते ही सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई और उन्हें एक बिस्वा का आवासीय पट्टा करने के साथ 10 बिस्वे की कृषि भूमि भी आवंटित की गई। मेहनतकश और गरीबों के साथ सरकार-उपमुख्यमंत्री