रोजगार हब के रूप में स्थापित होगा बुंदेलखंड-योगी

123
रोजगार हब के रूप में स्थापित होगा बुंदेलखंड-योगी
रोजगार हब के रूप में स्थापित होगा बुंदेलखंड-योगी

रोजगार के नए हब के रूप में स्थापित होगा बुंदेलखंड। डिफेंस कॉरिडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र के चलते नौकरी के लिए झांसी और बुंदेलखंड का रुख करेगी दुनिया। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर झांसी में 2,009 करोड़ रुपए की 100 विकास परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास। मेजर ध्यानचंद की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही सीएम ने हॉकी संग्रहालय का उद्घाटन व अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व हॉकी ओलंपियंस का मंच पर किया सम्मान, हॉकी प्रतियोगिता का भी किया शुभारंभ। रोजगार हब के रूप में स्थापित होगा बुंदेलखंड-योगी

झांसी/लखनऊ। अब तक भले ही बुंदेलखंड का नौजवान नौकरी के लिए बुंदेलखंड से बाहर का रुख करता रहा होगा, लेकिन डिफेंस कॉरिडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ जब यहां पर औद्योगिक दृष्टि से विकसित क्षेत्र बनेगा तो दुनिया कार्य करने के लिए झांसी और बुंदेलखंड में आएगी। यह नौकरी और रोजगार के नए हब के रूप में स्थापित होगा। ये जो क्षेत्र विकसित हो रहा है इसमें एक तरफ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है तो दूसरी तरफ कानपुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग और इसके बीच में बनेगा एक नया एयरपोर्ट जो झांसी के विकास को एक नई ऊंचाई देगा। बुंदेलखंड पहला क्षेत्र होगा जिसके पास दो-दो एयरपोर्ट होंगे। एक एयरपोर्ट झांसी में और एक चित्रकूट में। ललितपुर में भी फार्मा पार्क नई गति पकड़ रहा है। यह बातें मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर झांसी में 2,009 करोड़ रुपए की 100 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास एवं हॉकी ओलंपिक खिलाड़ियों का सम्मान एवं हॉकी मैच का शुभारंभ करते हुए कहीं। इससे पूर्व सीएम योगी ने मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही हॉकी संग्रहालय का उद्घाटन व अवलोकन भी किया।

लाइब्रेरी, म्यूजियम का किया उद्घाटन, प्रतिमा का किया अनावरण- मुख्यमंत्री योगी ने कचहरी चौराहे पर शिक्षा भवन परिसर में नवनिर्मित बहुमंजिला अत्याधुनिक पुस्तकालय भवन का लोकार्पण किया। यहां से मुख्यमंत्री रानी लक्ष्मीबाई पार्क पहुंचे। पार्क में मेजर ध्यानचंद की नवनिर्मित 25 फीट ऊंची प्रतिमा का सीएम ने अनावरण किया। पार्क में स्मार्ट सिटी के माध्यम से तैयार किए गए देश के पहले हॉकी म्यूजियम का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ध्यानचंद स्टेडियम पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व ओलंपिक हॉकी खिलाड़ियों का सम्मान किया।

ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर हो रहा बुंदेलखंड का विकास


योगी ने कहा कि आज बुंदेलखंड विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री के आदेश के बाद जब पहली बार यहां आया था तब यहां के जनप्रतिनिधियों ने कहा था कि यहां कनेक्टिविटी भी नहीं है और पानी की भी समस्या है। आज बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल की योजना प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रही है। कुछ ही दिनों के अंदर हर घर के अंदर आरओ का पानी पहुंचाने में सफल होंगे और बुंदेलखंड का यह सपना साकार हो जाएगा। सीएम ने कहा कि बुंदेलखंड में सिंचाई की तमाम परियोजनाओं को पूरा किया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस आज बुंदेलखंड के विकास को नई ऊंचाई प्रदान कर रहा है। साथ ही झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की यह भूमि आज डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर भी जानी जा रही है। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के तहत झांसी में भारत डायनमिक्स की यूनिट स्थापित होने जा रही है। एक नोड झांसी में और एक नोड चित्रकूट में विकसित हो रहा है। इसके साथ ही 38 हजार एकड़ क्षेत्रफल में ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड औद्योगिक विकास के एक नए कार्यक्रम को लेकर आए हैं। इसके तहत 8 हजार करोड़ की इस परियोजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपए पहले ही रिलीज कर दिए हैं।

हॉकी प्रतियोगिता का भी किया उद्घाटन-


मुख्यमंत्री योगी ने झांसी के ध्यानचंद स्टेडियम में हॉकी प्रतियोगिता का भी उद्घाटन किया। उन्होंने मैदान पर प्रत्येक खिलाड़ी का परिचय प्राप्त कर प्रतियोगिता को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने हॉकी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने छोटे बच्चों से बातचीत भी की। सबसे रोचक लम्हा वह रहा जब स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ ने हॉकी स्टिक थामकर गेंद के साथ ड्रिबलिंग की। उन्होंने स्टिक से जोरदार शॉट भी लगाया। बाद में हॉकी टीमों के साथ उनका ग्रुप फोटो भी हुआ।

हर भारतीय पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ लेता है मेजर ध्यानचंद का नाम


योगी ने मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि हॉकी में 1928,1932 और 1936 में तीन-तीन गोल्ड मेडल दिलाने वाले हॉकी के यह महान जादूगर न सिर्फ एक उत्कृष्ट खिलाड़ी थे, बल्कि भारत माता के प्रति अपार सम्मान और श्रद्धा का भाव उनके मन में था। 1936 में जब भारत ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था, तब जर्मनी के चांसलर ने उन्हें जर्मनी की नागरिकता व कर्नल की उपाधि ऑफर की थी, लेकिन हॉकी के इस जादूगर ने कहा कि मैं जैसा भी हूं, भारत के लिए खेलता हूं और उन्होंने एक झटके में इस प्रस्ताव को ठुकराकर भारत के प्रति अपने उद्गार को व्यक्त किया। यह कहते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है कि बुंदेलखंड की धरती ऐसे वीर और वीरांगनाओं की धरती रही है। महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से आज भी हर वीरांगना, हर वीर अपने आपको गौरवान्वित करता है। जब बात खेलों की आती है तो मेजर ध्यानचंद जी का नाम पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ हर भारतीय लेता है। झांसी की धरती का यह सौभाग्य है कि उसने मेजर ध्यानचंद को पैदा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश का पहला स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेरठ में मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर ही बना रही है। इस अवसर पर भारत माता के इस महान सपूत की स्मृतियों को नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

मेजर ध्यानचंद के प्रति समर्पण का मूर्त रूप है यहां का म्यूजियम


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज यहां कई कार्यक्रमों के साथ झांसी में विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है। हमारे जनप्रतिनिधियों ने समय समय पर यहां के विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया। यहां पर पहली बार प्रदेश में हमने एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की है और 2023-24 के लिए 125 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को फेलोशिप देते हुए 32 लाख 35 हजार रुपए उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने कहा कि आज यहां पर दो-तीन बड़ी परियोजनाओं को करीब से देखने का अवसर प्राप्त हुआ। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत झांसी में बनी लाइब्रेरी को देखा। हर विद्यार्थी एक बार उस लाइब्रेरी में जरूर जाए। यह अपने आप में स्मार्ट सिटी मिशन की सफलता को एक नया आयाम देती है। यहां पर मेजर ध्यानचंद जी का म्यूजियम भी बनाया गया है। हर युवा और खिलाड़ी से कहूंगा कि मेजर ध्यानचंद के प्रति समर्पण का भाव क्या है यह म्यूजियम उसका मूर्त रूप है और आप इसे जरूर देखिएगा।

खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करती रहेगी राज्य सरकार


आज हमारे कई ओलंपियंस सरकार के साथ काम कर रहे हैं। खेल सचिव सुहास एल वाई स्वयं ओलंपियन हैं। टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था। खेल निदेशक आरपी सिंह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे हैं। हम चाहते हैं कि जितने भी पुराने अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं उन्हें कहीं न कहीं कोच के रूप में अपनी अलग-अलग टीम का हिस्सा बनाकर प्रदेश सरकार के साथ जोड़ने की आवश्यकता है, अपने नवोदित खिलाड़ियों के प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तत्परता से कार्य करेगी।

इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति कुं. मानवेंद्र सिंह, भारत सरकार में राज्य मंत्री एमएसएमई भानु प्रताप सिंह वर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, झांसी-ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा, राज्य मंत्री श्रम एवं सेवायोजन मनोहर लाल मन्नू कोरी,झांसी के महापौर बिहारी लाल आर्य, अध्यक्ष जिला पंचायत झांसी पवन कुमार गौतम, विधायक राजीव सिंह पारीछा, रवि शर्मा, जवाहर लाल राजपूत, रमा निरंजन एवं बाबूलाल तिवारी, मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक कुमार व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। रोजगार हब के रूप में स्थापित होगा बुंदेलखंड-योगी