जेलर साहब का जलवा

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जेलर साहब का जलवा
जेलर साहब का जलवा

जेलर साहब का जलवा। मानकों को दर किनार कर धारण कर रखी वर्दी।

राकेश यादव

लखनऊ। यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं। यह प्रदेश के कारागार विभाग के जेलर की है। जेलर साहब को यह जानकारी तक नहीं है कि वर्दी किस तरह से पहनी जाती है। तस्वीर पर गौर करें तो जेलर साहब ने जो कैप लगाई हुई है। इस कैप को लगाने का अभी उन्हें अधिकार ही नहीं प्राप्त है। जेलर साहब के सर पर जो कैप चमक रही है। इस कैप को लगाने का अधिकार कारागार विभाग के सिर्फ अधीक्षक को है। यही नहीं जेलर साहब के कंधो पर जो स्टार लगे हुए है। उन्हे ध्यान से देखिए। जेलर साहब ने जो स्टार लगा रखे है। ऐसे स्टार लगाने का अधिकार सिर्फ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों को ही प्राप्त है। जेलर साहब ने आम जनमानस में रुतबा बढ़ाने और जलवा दिखाने के लिए सारे नियम और कानून को ताख पर रख दिया है।

प्रोन्नत के लिए एक ही दिन में खत्म हुई दो चार्जशीट

यह वही जेलर साहब है। जिनकी तैनाती के दौरान बलिया जेल में लूटपाट और आगजनी की बड़ी घटना हुई थी। उस समय यह डिप्टी जेलर के पद पर तैनात थे, जेलर का अतिरिक्त प्रभार भी इन्ही के पास था। घटना के बाद इन्हें दो आरोप पत्र दिए गए। कार्यवाही करने के बजाए इन्हे बलिया से हटाकर मिर्जापुर भेज दिया गया। कुछ दिन बाद ही इन्हे इटावा में तैनात कर दिया गया। इटावा में तैनाती के दौरान एक ही दिन में दोनों आरोप पत्र समाप्त कर इन्हें जेलर पद पर प्रोन्नत कर बागपत जेल पर तैनात कर दिया गया। बताया गया है कि इनकी शासन और मुख्यालय में अच्छी पकड़ होने से एक ही दिन में दोनों चार्जशीट खत्म कर दी गई।

वर्दी के दम पर दमखम दिखाने वाले जेलर साहब को शायद यह जानकारी तक नहीं है कि वर्दी में छेड़छाड़ करना उन्हें महंगा भी पड़ सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक जेल मैनुअल के प्रस्तर 1211 एवं ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 की धारा 6 में वर्दी में छेड़छाड़ खुला उल्लंघन है। विभागीय जानकारों की माने तो जेलर साहब को सुर्खियों में बने रहने का खुमार है। यही वजह है कि वह किसी न किसी हरकत से सुर्खियों बटोरने में जुटे हुए है। जेलर साहब का जलवा