सचिन पायलट के बाद कपिल सिब्बल की रगड़ाई

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सचिन पायलट के बाद कपिल सिब्बल की रगड़ाई का मामला उठाया राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने।पिछले सात सालों में 177 सांसद, विधायकों ने कांग्रेस क्यों छोड़ी वाले सवाल का जवाब नहीं।

एस0 पी0 मित्तल

कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले गांधी परिवार पर जब कभी भी हमला होता है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सबसे पहले बचाव में आते हैं। पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर निकालने की मांग की। सिब्बल के इस हमले से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बूरी तरह तिलमिला गए और उन्होंने कहा कि सिब्बल कांग्रेस संस्कृति के नेता नहीं है। कांग्रेस की संस्कृति में पहले रगड़ाई होती है और फिर कोई पद मिलता है। जबकि सिब्बल को सोनिया गांधी के आशीर्वाद और राहुल गांधी के सहयोग से केंद्रीय मंत्री तक का पद मिल गया। यदि सिब्बल की रगड़ाई होती तो वे ऐसा बयान नहीं देते। यह दूसरा अवसर है, जब अशोक गहलोत ने कांग्रेस के किसी नेता के लिए रगड़ाई शब्द का इस्तेमाल किया है। जुलाई 2020 में जब सचिन पायलट कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर दिल्ली चले गए थे, तब भी गहलोत ने पायलट की रगड़ाई नहीं होने की बात कही थी।

तब गहलोत ने पायलट को धोखेबाज, निकम्मा तक कहा था। मालूम हो कि उस समय पायलट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम थे। कांग्रेस की संस्कृति में रगड़ाई की परिभाषा क्या है, यह अशोक गहलोत ने आज तक नहीं बताया है। कांग्रेस में अशोक गहलोत की रगड़ाई कैसे हुई है, यह तो वे ही जाने, लेकिन अपने बयान से सिब्बल ने जो मुद्दे उठाए उनका जवाब गहलोत ने नहीं दिया। सिब्बल ने कहा कि पिछले सात सालों में 177 सांसद, विधायकों तथा 222 उम्मीदवारों ने कांग्रेस छोड़ दी। इतिहास में किसी राजनीतिक दल में ऐसा पलायन नहीं देखा। सिब्बल के इस सवाल का जवाब देने के बजाए गहलोत ने सिब्बल की रगड़ाई का मुद्दा उठा दिया है। सब जानते हैं कि गांधी परिवार की वजह से ही गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। तीनों बार कांग्रेस के किसी न किसी नेता का हक मार कर गांधी परिवार ने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया। यदि एक बार भी गहलोत को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता तो आज अशोक गहलोत भी कपिल सिब्बल और 22 अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ खड़े होते। गहलोत उन मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जो एक बार भी कांग्रेस सरकार को रिपीट नहीं करवा सके हैं, लेकिन गांधी परिवार ने हार बार गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाया। [/Responsivevoice]