नवनिर्वाचित प्रतिनिधि ग्रामीण भारत के विकास को सही दिशा दें

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लखनऊ। सुनील कुमार, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान एवं वित्त आयोग से संचालित गतिविधियों की भी समीक्षा बैठक का आयोजन पंचायतीराज निदेशालय, लोहिया भवन, अलीगंज, लखनऊ में किया गया। इस अवसर पर अलोक कुमार नागर, अपर सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, किंजल सिंह, निदेशक, पंचायती राज के साथ राज्यस्तरीय विभागीय अधिकारी, आडिट विभाग के अधिकारी एवं राज्य स्तरीय कन्सलटेन्ट उपस्थित रहे।


समीक्षा बैठक में उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि प्रदेश को नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी मिली है, अतएव गुणवत्तापरक प्रशिक्षणों का आयोजन के साथ माॅडल ग्राम पंचायत विकसित करने की दिशा में शुरूआत से ही प्रयास किये जाये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों के प्रबन्धन के साथ वर्षा जल संरक्षण एवं पंचायत कार्यालयों की स्थापना का कार्य पूर्ण करते हुए उनमें इण्टरनेट एवं कम्प्यूटर स्थापित करें।


इस अवसर पर उन्होंने पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट), लोहिया भवन, लखनऊ, में पंचायती राज विभाग, उ0प्र0 द्वारा ग्राम प्रधानों के उन्मुखीकरण कार्यक्रम हेतु आयोजित ‘प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण’ के द्वितीय दिवस में विभिन्न जनपदों से आए रिसोर्स पर्सन एवं एन.आई.आर.डी. के सत्यापित मास्टर ट्रेनरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक प्रशिक्षक की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण होती है। आप निसंदेह रूप से पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन कर उनको बतायें कि ग्राम पंचायतों में सचिवालय की स्थापना अति आवश्यक है।

ग्राम पंचायत सक्रिय होगी तो जन समस्याओं के निस्तारण एवं आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित् होगी। पंचायतों को स्वयं की आय स्त्रोत विकसित करने की दिशा में भी कार्य करना आवश्यक है ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके, इस प्रकार से पंचायतें काॅमन सर्विस सेंटर की स्थापना कर आय सृजन एवं जनसुविधाओं की डिलीवरी की सक्षम संस्था के रूप में स्थापित होगी। वह अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करते हुए जेम पोर्टल को अपनाए एवं सुचारू एवं कुशलतापूर्वक कार्य कर ग्रामीण भारत के विकास को सही दिशा दें।