कुशीनगर अत्यन्त ही प्राचीन एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल

97


मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने कुशीनगर एयरपोर्ट के निर्माण हेतु 199.42 करोड़ रु0 की धनराशि स्वीकृत की तथा विकास कार्यों को त्वरित गति से सम्पन्न कराया।भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व राज्य सरकार के मध्य सम्पादित एम0ओ0यू0 के तहत 04 अक्टूबर, 2019 को कुशीनगर एयरपोर्ट संचालन हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित किया गया।

कुशीनगर एयरपोर्ट वर्तमान में आर0सी0एस0 स्कीम के अंतर्गत चयनित मानकों के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा कुशीनगर हवाई अड्डे से सम्बन्धित कार्य यथा-रनवे, अप्रोच रोड, पेरिफेरल रोड, ड्रेनेज का कार्य, बाउण्ड्रीवाल, एटीसी टावर, फायर स्टेशन, भूमिगत टैंक इत्यादि कार्य पूर्ण कराए गए व लाइसेन्स हेतु आवेदन किया गया।

मुख्यमंत्री के प्रयासों से कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से वायु सेवाओं के संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा 22 फरवरी, 2021 को एयरोड्रोम लाइसेंस प्रदान कर दिया गया।कुशीनगर उ0प्र0 का तीसरा लाइसेन्स्ड एअर पोर्ट बना, अब तक प्रदेश में कुल 9 हवाई अड्डे तैयार बरेली हवाई अड्डे से प्रथम उड़ान 8 मार्च, 2021 को आरम्भ हो रही है।कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब वायु सेवाओं के संचालन हेतु पूर्ण रूप से तैयार हवाई अड्डे के संचालन से प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसरसृजित होंगे व सम्पूर्ण क्षेत्र का सामाजिक व आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।


लखनऊ –
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों को हवाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कुशीनगर हवाई अड्डे के विकास का निर्णय लिया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया गया।यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कुशीनगर अत्यन्त ही प्राचीन एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यहाँ अनेक देशों द्वारा निर्मित अत्यंत वृहद् एवं सुंदर बौद्ध मंदिर स्थित हैं, जहाँ विश्व भर के लाखों देशी व विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिये आते हैं।

पूर्व में जनपद कुशीनगर के कसया में राज्य सरकार द्वारा 101 एकड़ भूमि पर 1644 मीटर ग 23 मीटर रनवे आकार की हवाई पट्टी निर्माण किया गया था। दिनांक 15 जनवरी, 2010 द्वारा हवाई पट्टी को उच्चीकृत कर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए कुल 589.35 एकड़ भूमि राज्य सरकार द्वारा क्रय की गई, परंतु अगले 7 वर्ष तक कोई निर्माण शुरू नहीं हो सका। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के निर्माण हेतु 199.42 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की तथा विकास कार्यों को त्वरित गति से सम्पन्न कराया।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व राज्य सरकार के मध्य सम्पादित एम0ओ0यू0 के तहत दिनांक 04 अक्टूबर, 2019 को कुशीनगर एयरपोर्ट संचालन हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित किया गया। कुशीनगर एयरपोर्ट वर्तमान में आर0सी0एस0 स्कीम के अंतर्गत चयनित है। मानकों के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा कुशीनगर हवाई अड्डे से सम्बन्धित कार्य यथा-रनवे, अप्रोच रोड, पेरिफेरल रोड, ड्रेनेज का कार्य, बाउण्ड्रीवाल, एटीसी टावर, फायर स्टेशन, भूमिगत टैंक इत्यादि कार्य पूर्ण कराए गए व लाइसेन्स हेतु आवेदन किया गया है।

मुख्यमंत्री के प्रयासों से कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से वायु सेवाओं के संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा 22 फरवरी, 2021 को एयरोड्रोम लाइसेंस प्रदान कर दिया गया है। इस प्रकार लखनऊ व वाराणसी के बाद कुशीनगर उत्तर प्रदेश का तीसरा लाइसेन्स्ड एअरपोर्ट बन गया है। अब तक प्रदेश में कुल 9 हवाई अड्डे तैयार हो गए हैं। वर्ष 2017 मंे प्रदेश में मात्र 4 हवाई अड्डे ही क्रियाशील थे।

बरेली हवाई अड्डे से प्रथम उड़ान 8 मार्च, 2021 को आरम्भ हो रही है। कुशीनगर हवाई अड्डे को आम जनमानस के उपयोग हेतु लाइसेंस दिया गया है। इस प्रकार कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब वायु सेवाओं के संचालन हेतु पूर्ण रूप से तैयार है। हवाई अड्डे के संचालन से प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे व सम्पूर्ण क्षेत्र का सामाजिक व आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।